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MP Politics: BJP ने लोकसभा चुनाव के लिए खेला बड़ा दांव, जानें- मध्य प्रदेश में OBC, ब्राह्मण और दलित का सियासी समीकरण
MP New CM: ओबीसी सीएम का दांव लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को बढ़त दिला सकता है. इसी तरह क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को साधने के लिए विंध्य इलाके से आने वाले राजेंद्र शुक्ल का भी प्रमोशन किया गया है.
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Madhya Pradesh Politics News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार (11 दिसंबर) को मध्य प्रदेश में अपनी नई सरकार का चेहरा घोषित कर दिया. उज्जैन से आने वाले विधायक डॉ मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया है. बीजेपी ने लगभग छह महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए नई सरकार में जातिगत समीकरण को साधने का प्रयास किया है.
राजनीतिक जानकर बताते हैं कि बीजेपी ने अभी से लोकसभा चुनाव की बिसात बिछाते हुए सरकार के नए चेहरे तय किए हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ मध्य प्रदेश में लंबे समय बाद दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल (ब्राह्मण) और जगदीश देवड़ा (दलित) के साथ मिलकर सरकार चलाएंगे. विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी नरेंद्र सिंह तोमर (क्षत्रिय) को दी जा रही है. हालांकि, तोमर मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने एक ओबीसी चेहरे शिवराज सिंह चौहान को हटाकर दूसरे ओबीसी चेहरे मोहन यादव को यह पद देकर लोकसभा चुनाव के लिहाज से बड़ा दांव चला है.
बीजेपी ने क्यों चुना ओबीसी सीएम?
सबसे पहले जानते हैं कि बीजेपी अलाकमान को एक ओबीसी की जगह दूसरे ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी देने के पीछे क्या मजबूरी थी? मध्य प्रदेश में लगभग 50 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं. बीजेपी ने 68 ओबीसी नेताओं को टिकट दिए थे, जिसमें से 44 जीत कर आए हैं. इसी तरह कांग्रेस ने 59 ओबीसी नेताओं को टिकट दिए थे, लेकिन जीत सिर्फ 16 के हिस्से में आई. सूबे की 72 सीटों पर ओबीसी आबादी 40 फीसदी से ज्यादा है और बीजेपी ने इनमें से 50 में जीत हासिल की है. यह 72 विधानसभा सीटें प्रदेश के 20 लोकसभा क्षेत्रों में आती है.
बीजेपी ने देवड़ा को क्यों किया प्रमोट?
माना जा रहा है कि एक बार फिर ओबीसी मुख्यमंत्री का दांव लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को बढ़त दिला सकता है. इसी तरह क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को साधने के लिए विंध्य इलाके से आने वाले राजेंद्र शुक्ल का भी प्रमोशन किया गया है. शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में अंतिम समय में मंत्री बनाए गए राजेंद्र शुक्ल को इस बार सीधे उपमुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई है. दूसरे उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा होंगे, जो दलित वर्ग से आते हैं. मालवा-निमाण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जगदीश देवड़ा बीजेपी का बड़ा दलित चेहरा माने जाते हैं. प्रदेश में 20 से 22 फीसदी दलित वोटर हैं, जिन्हें साधने के लिए बीजेपी ने देवड़ा को प्रमोट कर दिया है.
पीएम ने जाति की नई परिभाषा गढ़ी
इस तरह अपर कास्ट के वोटरों को साधने के लिए ग्वालियर चंबल से आने वाले दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया है. यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जातीय जनगणना का दांव चलते हुए ओबीसी वर्ग को साधने का प्रयास किया था. इसे काउंटर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जाति की नई परिभाषा गढ़ी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी जातियां नारी, युवा, किसान और गरीब हैं, जिनका उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा. यह चारों जातियां जब सारी समस्याओं से मुक्त होंगी और सशक्त होंगी तो स्वाभाविक रूप से देश की हर जाति सशक्त होगी, पूरा देश सशक्त होगा.
क्या कहते हैं सियासी जानकार?
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं कि बीजेपी ने राजनीतिक मजबूरी के चलते प्रधानमंत्री के भाषणों से इतर भारत की परंपरागत जाति व्यवस्था के लिहाज से मध्य प्रदेश सरकार का चेहरा तय किया है. कुछ दिनों बाद सीएम मोहन यादव के मंत्रीमंडल में इसकी और स्पष्ट छवि देखने को मिल जाएगी. मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटों पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी को जातियों का सहारा लेना ही पड़ेगा.
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