MP Election 2023: इलेक्शन ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी बना रहे 'अजब-गजब'' बहाने, आवेदन देखकर अधिकारी भी हैरान
MP Elections 2023: चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी बहाना खोजने में लगे हैं. अधिकारी और कर्मचारी अक्सर किसी न किसी बीमारी के बहाने खुद को इलेक्शन ड्यूटी से बाहर रखना चाहते हैं.

MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका है और 17 नवंबर को लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में मतदान किया जाएगा. बता दें कि मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में यह विधानसभा चुनाव संपन्न किए जाने हैं, जिसके लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. तारीखों के ऐलान के साथ ही एक रोचक खबर सामने आई है जिसे पढ़कर आप भी मुस्कुरा देंगे.
दरअसल हर बार की तरह इस बार भी शासकीय कर्मचारियों ने तरह-तरह के बहाने बनाकर चुनाव ड्यूटी से बचने का तरीका खोजा है. यह सभी कर्मचारी जिन्होंने छुट्टी के लिए दिए आवेदन दिया है, अपनी अलग-अलग तरह की बीमारियां और परेशानियां बढ़कर यह जाता रहे हैं कि वह चुनाव ड्यूटी करने में असमर्थ हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर की बात करें तो इंदौर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने तीन डॉक्टर की एक कमेटी गठित कर दी है, जो इनका फिजिकल वेरिफिकेशन करके अवकाश दिया जाए अथवा नहीं इसके अनुशंसा करेगी.
खुद को इलेक्शन ड्यूटी से बाहर रखना चाहते हैं
मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव तारीख नजदीक आती जा रही है शासकीय कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने का बहाना खोजने लगे हैं, यह पहली बार नहीं है कि शासकीय कर्मचारी इस प्रकार बहाने खोज कर सरकारी ड्यूटी से बचना चाहते हो. पंचायत चुनाव हो, लोकसभा चुनाव हो विधानसभा चुनाव हो ,इनमें ड्यूटी करने वाले अधिकारी और कर्मचारी अक्सर किसी न किसी बीमारी के बहाने खुद को इलेक्शन ड्यूटी से बाहर रखना चाहते हैं. ऐसा करने के पीछे जो सामान्य सोच है वह यह है की चुनाव ड्यूटी में पहले तो प्रशिक्षण लेना होता है, प्रशिक्षण लेने के बाद उसकी परीक्षा देनी होती है और फिर चुनाव में ड्यूटी भी करना पड़ती है.
इलेक्शन ड्यूटी नहीं करने का ये है वजह
कई बार शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी ऐसी जगह लगाई जाती है, जो दूर दराज के होते हैं और जहां पर मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव होता है. जैसे की भोजन इत्यादि की व्यवस्था या फिर सोने की व्यवस्था या फिर नित्य कर्म के लिए समुचित व्यवस्था न होना भी इसका एक कारण माना जाता है, वहीं अधिक उम्र होने की वजह से या अकेली महिला होने की वजह से भी चुनाव ड्यूटी से कर्मचारी बचते रहे हैं.
अजब गजब कारण किया जा रहे हैं पेश
इधर इंदौर जिले की बात की जाए तो यहां जिला कलेक्टर कार्यालय में चुनाव आयोग की पत्रकार वार्ता से पहले ही छुट्टी के लिए आवेदन आना शुरू हो गए थे. ताजा स्थिति की यदि बात की जाए तो अभी की स्थिति में इंदौर जिले में 300 से अधिक आवेदन छुट्टी के लिए आए हुए हैं, जिनकी अनुशंसा होना बाकी है. विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद अब चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अजब गजब कारण पेश किया जा रहे हैं. दरअसल देखा जाए तो मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू कर दी गई थी.
ड्यूटी से बचने के लिए 300 के आसपास आए आवेदन
लेकिन पिछले 10 दिनों में चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए करीब 300 के आसपास आवेदन जिला योजना कार्यालय में जमा हो चुके हैं. इनमें तरह-तरह के कारण भी बताए गए हैं. इसमें किसी ने पीठ में दर्द की समस्या होना बताया है, तो किसी ने कैंसर जैसी असाध्य बीमारी का उल्लेख किया है. इसके अलावा किसी ने पति-पत्नी दोनों की ही तबीयत खराब होने तो किसी ने बच्चों के बाहर होने का उल्लेख किया है. इसके अलावा किसी कर्मचारी ने आवेदन में यह भी लिखा है कि दुर्घटना से उसके कूल्हे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और उसे शौच के लिए वेस्टर्न कमोड की जरूरत पड़ती है.
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Source: IOCL























