MAHAKAL In MP: महाकाल के दरबार में सबसे पहले बांधी जाएगी राखी, रक्षा बंधन को लेकर जानिए क्या है अनूठी परंपरा?
Raksha Bandhan 2023: प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दरबार में रक्षाबंधन पर सबसे पहले राखी बांधी जाएगी. इसके बाद सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा.

Happy Raksha Bandhan 2023: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रक्षाबंधन पर्व पर सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी जाएगी. पंडित और पुरोहित परिवारों ने रक्षाबंधन पर्व को लेकर विशेष रूप से भगवान महाकाल के लिए राखी तैयार की है. इस दौरान परंपरा अनुसार महाकाल भगवान को भस्म आरती में सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा. जो श्रद्धालु महाकालेश्वर के दरबार में पहुंचेंगे, उन्हें मुंह मीठा कराकर वहां से विदा किया जाएगा.
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि महाकाल के दरबार में सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में त्यौहार की शुरुआत होती है. इसके बाद देशभर में अलग-अलग त्योहार मनाए जाते हैं. रक्षाबंधन पैरों पर भगवान महाकाल को भस्म आरती के दौरान पूजा अर्चना कर राखी बांधी जाएगी. इस बार पंडित प्रदीप गुरु के परिवार द्वारा रखी तैयार की गई है. राखी के लिए रेशम की डोरी, विशेष प्रकार के वस्त्र आदि तैयार किए जाते हैं.
इसके बाद विशाल राखी को भगवान महाकाल को भस्म आरती में अर्पित की जाएगी. पंडित राम गुरु के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर में रक्षाबंधन पर्व पर दर्शन का विशेष महत्व भगवान को रक्षा सूत्र चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है. इसके अलावा पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा भी भगवान महाकाल को राखी बांधकर परंपरा का निर्वहन किया जाता है.
सभी त्योहारों की शुरुआत राजाधिराज के दरबार से
महाकालेश्वर मंदिर में सभी त्योहारों की शुरुआत भस्म आरती के साथ होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि सभी त्योहारों को मनाने के लिए कल चौघड़िया देखा जाता है लेकिन भगवान महाकाल के दरबार में पूजा अर्चना समय के साथ होती है. काल और चौघड़िया का यहां कोई फर्क नहीं पड़ता है. भगवान महाकाल खुद कालों के कल इसलिए चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का असर भी मंदिर पर नहीं पड़ता है. यहां पर मंदिर के कपाट कभी बंद नहीं होते हैं. भगवान महाकाल को तीनों लोगों का राजा माना जाता है, इसलिए सबसे पहले उनके दरबार से पर्व की शुरुआत होती है.
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