भोपाल लव जिहाद और रेप के आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन, मोहन यादव सरकार की बड़ी कार्रवाई
Bhopal Bulldozer Action: भोपाल में निजी कॉलेज छात्राओं से दुष्कर्म-लव जिहाद केस में आरोपियों साद और साहिल के घरों पर बुलडोजर चला. तीसरे आरोपी फरहान पर कोर्ट के निर्णय के बाद कार्रवाई होगी.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं से दुष्कर्म, लव जिहाद और ब्लैकमेलिंग के गंभीर मामले में आरोपियों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. शनिवार (13 सितंबर) सुबह से ही आरोपियों के ठिकानों पर बुलडोजर चलाया गया.
मामले में आरोपी साद और साहिल के घरों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया. आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की हिंदू लड़कियों को टारगेट कर दोस्ती की, फिर उनके साथ दुष्कर्म और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बने.
रेप के आरोपियों के ठिकानों पर बुलडोजर एक्शन
गोविंदपुरा एसडीएम रवि श्रीवास्तव और तहसीलदार के नेतृत्व में की जा रही है. प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नोटिस और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही यह कदम उठाया. जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह 4 बजे से ही अशोका गार्डन स्थित अर्जुन नगर इलाके में बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी. इसके बाद कोकता क्षेत्र में भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी.
आरोपी फरहान के घर पुलिस बल तैनात
तीसरे आरोपी फरहान के घर पर भी बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी है, लेकिन फिलहाल कोर्ट से उसे स्टे मिला हुआ है. कोर्ट का फैसला आने के बाद फरहान के ठिकाने पर भी बुलडोजर चलाया जा सकता है. इस बीच स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और पुलिस बल तैनात किया गया है.
गंभीर अपराधों में शामिल आरोपियों को नहीं मिलेगी राहत- सरकार
सरकार की ओर से यह संदेश साफ है कि ऐसे गंभीर अपराधों में शामिल आरोपियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी. मोहन सरकार का बुलडोजर एक्शन इस मामले में सख्त कदम के रूप में देखा जा रहा है. प्रशासन का कहना है कि कानून के दायरे में रहते हुए आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
यह मामला पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है और समाज के विभिन्न वर्गों ने प्रशासन के इस कदम का समर्थन किया है. लोगों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से अपराधियों में डर पैदा होगा और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संदेश जाएगा.
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Source: IOCL
























