अलगाववादी नेता फरीदा बहनजी ने हुर्रियत से तोड़ा नाता, मुख्यधारा में की वापसी
Jammu Kashmir News: भारत विरोधी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस को एक और महिला नेता ने छोड़ दिया है. अलगाववादी नेता फरीदा बहनजी ने देश विरोधी रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी का ऐलान किया है.

Jammu Kashmir News: अलगाववादी खेमे से इस्तीफों के सिलसिले में एक और अलगाववादी ने भारत विरोधी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस को छोड़ दिया है. इस बार एक महिला अलगाववादी नेता ने देश विरोधी रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में वापसी का ऐलान किया है. इसके साथ ही हुर्रियत कांफ्रेंस को छोड़ने वाले संगठनों की कुल संख्या 12 हो गई है.
जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट की अध्यक्ष फरीदा बहनजी ने एक सार्वजनिक घोषणा में खुद को और अपने संगठन को कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी संगठनों से अलग कर लिया है, जिसमें ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस (एपीएचसी) के दोनों धड़े शामिल हैं.
महिला नेता फरीदा बहनजी की मुख्यधारा में वापसी
फरीदा बहनजी ने एक हलफनामे में कहा कि न तो उनका और न ही उनके संगठन का एपीएचसी (जी), एपीएचसी (ए), उनके घटकों या अलगाववादी या इसी तरह के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले किसी अन्य समूह से कोई संबंध या संबद्धता है. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि एपीएचसी की विचारधारा उनके या उनकी पार्टी के साथ मेल नहीं खाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे मंच जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं और शिकायतों को संबोधित करने में विफल रहे हैं.
चेयरपर्सन ने उन्हें या जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट को ऐसे समूहों से जोड़ने के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि ऐसी कार्रवाइयों के कानूनी परिणाम होंगे. उन्होंने पुष्टि की, "मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं". उन्होंने कहा कि वह और उनका संगठन दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वाले किसी भी समूह से जुड़े नहीं हैं.
अब तक 11 संगठन हुर्रियत से हो चुके हैं अलग
अब तक हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के 11 घटक दल गठबंधन से बाहर निकल चुके हैं. उनका कहना है कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है. जम्मू-कश्मीर तहरीक-ए-इस्तिकलाल (स्वतंत्रता के लिए आंदोलन), जम्मू-कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन, जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक आंदोलन, जम्मू-कश्मीर जन आंदोलन और जम्मू-कश्मीर मुक्ति आंदोलन ने पिछले महीने अलगाववाद का त्याग कर दिया था.
7 अप्रैल को जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू और कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट ने भी गठबंधन की घोषणा की थी. उस समय, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कश्मीर में अभिन्नतावाद का इतिहास बन गया है और जोर बेकर ने कहा कि यह भारत की एकता को मजबूत करेगा.
पिछले साल सितंबर में हुर्रियत पार्टी के पूर्व महासचिव और जम्मू-कश्मीर नेशनल पार्टी के प्रमुख सईद सईद गिलानी, कट्टरवादी खेमे से अलग-अलग बुनियादी ढांचे की राजनीति में शामिल हुए थे.
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Source: IOCL























