'गृह मंत्री पहले ही प्रक्रिया बता चुके हैं', जम्मू कश्मीर स्टेटहुड के मुद्दे पर बोले LG मनोज सिन्हा
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग स्टेटहुड के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है.

जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य का नाम लिए बिना कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से स्थिति साफ करने के बावजूद J&K को राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर बेवजह अटकलें लगाई जा रही हैं. श्रीनगर में 'एकता दिवस' समारोह की पूर्व संध्या पर SKICC में सभा को संबोधित करते हुए LG ने कहा कि गृह मंत्री पहले ही प्रक्रिया बता चुके हैं, जिसमें पहले डिलिमिटेशन, फिर विधानसभा चुनाव और फिर सही समय पर राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
LG मनोज सिन्हा ने कहा, "कुछ लोग इस मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार के पास पहले से ही पर्याप्त शक्तियां हैं और इनका इस्तेमाल भ्रम फैलाने के बजाय जनता के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए."
6 साल पहले PM मोदी के नेतृत्व में इतिहास रचा गया-LG
उन्होंने यह भी कहा, ''31 अक्टूबर एक नए जम्मू और कश्मीर के जन्म का प्रतीक है, एक ऐसा युग जिसने डर, अलगाववाद और भेदभाव को खत्म कर दिया और शांति, विकास और लोकतांत्रिक भागीदारी की शुरुआत की. छह साल पहले, पीएम मोदी के नेतृत्व में इतिहास रचा गया था जब पहली बार भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानून जम्मू-कश्मीर में लागू हुए."
इस यात्रा की नींव सरदार पटेल ने रखी थी- LG
उपराज्यपाल ने आगे कहा, "अगर हम सात दशकों के इतिहास को देखें, तो कई लोगों ने इस बदलाव का स्वागत करने के लिए बलिदान दिया. इस यात्रा की नींव सरदार पटेल ने रखी थी." उन्होंने आगे कहा कि लोग उन लोगों को अच्छी तरह जानते हैं जिन्होंने कभी इस क्षेत्र को बांटने की साजिश रची थी.
'कुछ लोग शासन करते थे जबकि हजारों वंचित थे'
उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रपति का भी यहां की एक इंच जमीन पर कोई अधिकार नहीं था. LG ने कहा, "कुछ लोग शासन करते थे जबकि हजारों लोग वंचित रहते थे. कुछ लोगों ने ऐसी कृत्रिम दीवारें बना रखी थीं जो हमारी बहनों को उनके अधिकारों से दूर रखती थीं." सिन्हा ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने और उसके बाद हुए सुधारों के साथ, 31 अक्टूबर वह दिन बन गया जब अलगाववाद की दीवारें ढहनी शुरू हो गईं.
LG मनोज सिन्हा ने यह भी कहा, "जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने आतंकवाद की कमर तोड़ दी है. डर का दौर खत्म हो गया है. लोग अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में खुलकर हिस्सा ले रहे हैं, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है."
पत्थरबाजी अब इतिहास बन गई- LG मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल ने कहा कि नई पीढ़ी ने हिंसा को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "पत्थरबाजी अब इतिहास बन गई है. लोग अब शांति और प्रगति के समर्थन में अपने आप आगे आ रहे हैं. आतंकवाद केवल विचारधारा और जनता के समर्थन पर जीवित रहता है. जब समाज समर्थन वापस ले लेता है, तो आतंकवाद अपनी आखिरी सांस लेता है और यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है."
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Source: IOCL























