डल झील में संदिग्ध वस्तु मिलने से हड़कंप, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यहां पाकिस्तानी ड्रोन हुआ था विस्फोट
Jammu Kashmir News: अधिकारियों ने खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डल झील के उसी क्षेत्र में सुबह-सुबह एक पाकिस्तानी ड्रोन में विस्फोट हुआ था. वहीं इस संदिग्ध वस्तु को नष्ट कर दिया गया.

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की डल झील के किनारे प्रसिद्ध बुलेवार्ड रोड पर सोमवार (22 सितंबर) को सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सुरक्षाबलों ने एक संदिग्ध वस्तु देखी. इसके बाद पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की और मिली संदिग्ध वस्तु को नियंत्रित विस्फोट द्वारा सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया.
डलगेट स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के पास तैनात सीआरपीएफ की एक इकाई ने संदिग्ध वस्तु का पता लगाया, जिसने स्थानीय पुलिस स्टेशन और बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) को भी सूचित किया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बाद में ऐसे संदिग्ध विस्फोटक उपकरणों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार एक संदिग्ध वस्तु को निष्क्रिय करने के लिए एक नियंत्रित विस्फोट किया.
यहां ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ था विस्फोट
अधिकारियों ने खुलासा किया था कि 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डल झील के उसी क्षेत्र में सुबह-सुबह एक पाकिस्तानी ड्रोन में विस्फोट हुआ था. यह रॉकेट का खोल शनिवार को झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एलसीएमए) द्वारा जलाशय में सफाई अभियान के दौरान मिला था और आगे की जाँच के लिए इसे नजदीकी पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
शनिवार को झील में सफाई अभियान के दौरान एक रॉकेट के खोल के अवशेष मिलने के बाद से डल झील क्षेत्र में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
पुलिस ने की घेराबंदी
आईजीपी कश्मीर विरदी कुमार बिरदी ने एबीपी न्यूज को बताया कि यह वस्तु एक सफेद फुटबॉल थी और झील के किनारे नियमित निगरानी के दौरान इसका पता चला. इस खोज के बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी और स्थानीय लोगों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए.
उन्होंने आगे कहा, "मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किसी भी संभावित खतरे को खत्म करने के लिए बम निरोधक दस्ते द्वारा एक नियंत्रित विस्फोट किया गया." पुलिस ने वस्तु की प्रकृति और उत्पत्ति का पता लगाने और विस्फोटकों के किसी भी निशान का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी है.
पुलिस कर रही जांच
पुलिस ने कहा है कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह धातु का खोल किसी रॉकेट या मिसाइल का है या कोई साधारण गैल्वेनाइज्ड पाइप है, लेकिन उन्होंने इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया कि यह खोल वायु रक्षा रॉकेट का हो सकता है.
पाकिस्तानी रॉकेट के हैं अवशेष?
कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि ये अवशेष पाकिस्तानी फतह रॉकेट के थे, लेकिन कुछ रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि रॉकेट के आकार से पता चलता है कि यह भारतीय वायु रक्षा पिनाकी रॉकेट हो सकता है. इस संबंध में भी आगे की जांच जारी है.
Source: IOCL





















