जम्मू: मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप
Jammu Farmers Protest: जम्मू के अरनिया सेक्टर में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, क्योंकि उनका आरोप है कि राजस्व विभाग बिना मुआवजा दिए उनकी जमीन पर कब्जा कर रहा है.

जम्मू के संवेदनशील अरनिया सेक्टर अरनिया सेक्टर में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप था की सरकार उन्हें बिना मुआवजा दिए उनकी जमीन छीन रही है. जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अरनिया सेक्टर में सरकार के खिलाफ नारी लग रहे यह वो किसान है जिनकी जमीन पर राजस्व विभाग ने कथित तौर पर कब्जा किया है.
इन किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन हथियाई तो जा रही है लेकिन उन्हें इसका मुआवजा नहीं मिल रहा है. किसानों का आरोप है कि उनकी सैकड़ों एकड़ जमीन सरकार अपने कब्जे में ले रही है और उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा.
अरनिया की पूर्व सरपंच बलबीर कौर एबीपी न्यूज़ को बताया कि खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बॉर्डर पर रह रहे हैं किसानों को बिना हथियार के जवान बता चुके हैं. आरोप लगाया कि अगर इन जवानों से उनकी जमीन छीनी जाएगी तो यह यहां क्या करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग के अधिकारी बिना कोई बात सुन उनकी जमीनों पर अपनी पिकेट बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह वही किसान है जिन्होंने 1965 की लड़ाई, कारगिल युद्ध और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यहां तैनात बीएसएफ और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाया था. यह वह लोग हैं जो भारत माता की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और यहां प्रदर्शन करने वाले अधिकतर किसान पूर्व सैनिक रह चुके हैं.
1965 और 71 के विस्थापितों को आवंटित थी जमीन
बलबीर कौर ने बताया कि यहां जो लोग रह रहे हैं उन्हें यह जमीन सरकार द्वारा ही अलॉट की गई थी. यहां रह रहे हैं अधिकतर लोग 1965 और 71 में पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे और तब से सरकार ने उन्हें यह जमीन आवंटित की थी और तब से यह सारे लोग यहां खेती-बाड़ी कर अपना पेट पाल रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि आप अगर इनसे इनकी रोजी-रोटी छीनी जाएगी तो यह लोग कहां जाएंगे.
'ज़मीन न छीनी जाए तो अभी पाकिस्तान से दो-दो हाथ को तैयार'
वहीं, इस प्रदर्शन में शामिल हुए किसानों का दावा था कि वह मूल रूप से पूर्व सैनिक है और अभी भी देश रक्षा के लिए तैयार है. इन किसानों का कहना था कि अगर उन्हें मौका दिया जाए वह अभी पाकिस्तान से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. लेकिन, साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया क्या अगर उनसे उनकी जमीन छीनी गई तो वो कहां जाएंगे. इन किसानों की चेतावनी है कि अगर जल्द ही इनकी मांगों का निपटारा नहीं किया गया तो वह अपने प्रदर्शन को और उग्र करेंगे.
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Source: IOCL























