जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर विधानसभा में 3 बिल, होगी वोटिंग?
Jammu and Kashmir Statehood: जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा तत्काल बहाल करने की मांग को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो विधायकों ने प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है. इस पर वोटिंग हो सकती है.

Jammu and Kashmir Statehood: जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा तत्काल बहाल करने की मांग करने वाले तीन अलग-अलग प्राइवेट मेंबर बिल (निजी विधेयक) पर 7 अप्रैल को चर्चा और मतदान हो सकता है.
यह प्रस्ताव सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायक कैसर जमशेद लोन (लोलाब ) और हिलाल अकबर लोन (सोनावरी ) और शोपियां के निर्दलीय विधायक शब्बीर कुल्ले की तरफ लाए गए हैं.
तीन प्रस्तावों में से दो में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे पर की गई प्रतिबद्धताओं का उल्लेख है. एनसी विधायक कैसर जमशेद लोन ने कहा, "यह सदन संकल्प लेता है कि भारत की संसद में केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे के अनुसार राज्य का दर्जा तत्काल बहाल किया जाए."
हिलाल अकबर लोन ने क्या कहा?
वहीं हिलाल अकबर लोन ने कहा, “यह सदन भारत सरकार से आग्रह करता है कि वह संसद में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादे को पूरा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करे.”
कुल्ले द्वारा लाए गए प्रस्ताव में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की गई है और भारत सरकार से “इस लंबे समय से चली आ रही मांग” को पूरा करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया है.
लॉटरी के माध्यम से सात-सात प्रस्ताव चुने गए हैं, जिन्हें 7 और 9 अप्रैल को सदन की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है.
उमर अब्दुल्ला कैबिनेट का फैसला
बता दें कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई मौकों पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की बात कह चुके हैं.
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया.
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