Sharad Yadav Death: शनिवार को पैतृक गांव अंखमऊ में होगा शरद यादव का अंतिम संस्कार, सुबह दिल्ली से जाएगा पार्थिव शरीर
समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के पुत्र शांतनु बुंदेला उन्हें मुखाग्नि देंगें. पूर्व केंद्रीय मंत्री का गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को निधन हो गया. वे 75 साल के थे.
वरिष्ठ समाजवादी नेता और जनता दल (JDU) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का अंतिम संस्कार शनिवार को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में उनके पैतृक गांव अंखमऊ में किया जाएगा. यह जानकारी उनके एक करीबी सहयोगी ने दी है. उनके पार्थिव शरीर को शनिवार की सुबह दिल्ली से सवा 9 बजे विमान से भोपाल के लिए ले जाया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर 11 बजे सुबह भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेगा. यहां पर राज्य के नेता उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद 11 बजकर 15 मिनट पर उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव अंखमऊ ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बेटे शांतनु बुंदेला देंगें मुखाग्नि
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव का गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. वह 75 वर्ष के थे. जदयू की मध्यप्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख एवं यादव के करीबी सहयोगी गोविंद यादव ने कहा कि वरिष्ठ नेता का अंतिम संस्कार नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) जिले की बाबई तहसील स्थित उनके पैतृक गांव अंखमऊ में शनिवार को किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यादव का पार्थिव शरीर चार्टर विमान से शनिवार सुबह करीब 11 बजे दिल्ली से भोपाल लाया जाएगा, जहां से इसे सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव अंखमऊ ले जाया जाएगा. इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इनके अंतिम संस्कार की जानकारी देते शरद यादव के भतीजे शैलेश यादव ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार अंखमऊ गांव में किया जाएगा और शरद यादव के पुत्र शांतनु बुंदेला उन्हें मुखाग्नि देंगें.
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ऐसे आए राष्ट्रीय राजनीति में शरद यादव
मध्य प्रदेश जेडीयू के पूर्व नेता गोविंद यादव के मुताबिक छात्र नेता के रूप में राजनीति की शुरुआत करने के बाद शरद यादव ने 1974 में मध्यप्रदेश की जबलपुर सीट से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचा दिया. इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शरद यादव सात बार लोकसभा चुनाव जीते. वह उच्च सदन के भी सदस्य रहे. उन्होंने कहा कि जबलपुर के अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के बदायूं और बिहार के मधेपुरा से भी लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की, जो किसी भी राजनेता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.