यमुना में बढ़ते झाग और माइक्रोप्लास्टिक पर अलर्ट, सरकार बनाएगी इंटर-डिपार्टमेंटल मॉनिटरिंग सेल
Delhi News: दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए टेरी की रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिक कदम तेज किए हैं. इंटर-डिपार्टमेंटल सेल बनाकर प्रदूषण नियंत्रण और मॉनिटरिंग पर फोकस बढ़ाया जाएगा.

राजधानी दिल्ली में यमुना को साफ करने की दिशा में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज टेरी (TERI) द्वारा तैयार की गई यमुना में माइक्रोप्लास्टिक फोमिंग और केमिकल प्रदूषण पर विस्तृत रिपोर्ट की समीक्षा की. बैठक में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
मंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजी आधारित उपायों को तय समय में लागू करें ताकि यमुना को प्रदूषण से मुक्ति दिलाई जा सके.
टेरी की जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
टेरी ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से करीब 100 सैंपल इकट्ठा किए. इनमें यमुना नदी बड़े नाले औद्योगिक क्षेत्रों और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी/सीईटीपी) के पास के स्थान शामिल थे. जांच में यह सामने आया कि कई जगहों पर बिना साफ किया हुआ सीवेज, फैक्टरियों का गंदा पानी और ठोस कचरा सीधे यमुना में बह रहा है. इन्हीं कारणों से नदी के पानी में झाग, बदबू, और माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा बढ़ रही है. रिपोर्ट में एडवांस ऑक्सिडेशन बायोलॉजिकल ट्रीटमेंट और बेहतर मॉनिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीकें अपनाने की सलाह दी गई है.
विभागों के लिए एक्शन प्लान और नई तकनीक का रोडमैप
बैठक में मंत्री सिरसा ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार अब डेटा और वैज्ञानिक तरीकों पर आधारित काम कर रही है.उन्होंने कहा कि यमुना की सफाई सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और अब हर विभाग को मिलकर तेज़ी से काम करना होगा.
टेरी ने विभागवार एक्शन प्लान भी दिया है. इसमें एसटीपी को मॉडर्न तकनीक से अपग्रेड करने छोटे इलाकों में मिनी-ट्रीटमेंट प्लांट बनाने नियम न मानने वाली फैक्ट्रियों पर कार्रवाई, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान और संवेदनशील इलाकों की नियमित हेल्थ जांच शामिल हैं.
इंटर-डिपार्टमेंटल सेल और भविष्य की रणनीति
सिरसा ने बताया कि सरकार अब एक इंटर-डिपार्टमेंटल कोऑर्डिनेशन सेल बनाएगी, जिसमें सभी मुख्य विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. यह सेल योजनाओं की प्लानिंग, अमल और निगरानी करेगी ताकि काम में देरी न हो. गौरतलब है कि यमुना की सफाई पिछले कई वर्षों से दिल्ली की सबसे बड़ी चिंता और चुनावी मुद्दा रहा है.
यमुना नदी दिल्ली में सिर्फ 22 किलोमीटर बहती है लेकिन इसी छोटे हिस्से में 70% से अधिक प्रदूषण आता है. कई विशेषज्ञ इसे दिल्ली का 'लाइफलाइन हॉटस्पॉट' भी कहते हैं क्योंकि करोड़ों लोगों के जीवन पर इसका सीधा असर पड़ता है. सरकार का मानना है कि अगर टेरी की सिफारिशों पर तेजी से काम किया गया तो आने वाले महीनों में यमुना की स्थिति में वास्तविक सुधार दिख सकता है. मंत्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को बदलाव दिखे यह हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और हम इसे जल्द पूरा करेंगे.
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