MF हुसैन पेंटिंग मामला: दिल्ली HC से कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह को राहत, वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हो सकेंगे पेश
MF Hussain Painting Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने पेंटिंग विवाद में कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी है. मामला 1 करोड़ की पेंटिंग लौटाने से जुड़ा है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने मशहूर कलाकार एम.एफ. हुसैन की कीमती पेंटिंग से जुड़े विवाद में कांग्रेस नेता और पूर्व गृह राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की इजाजत दे दी है. हालांकि आगे की कानूनी कार्रवाई पर रोक लगाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2026 को होगी.
क्या है मामला?
यह मामला एम.एफ. हुसैन की एक कीमती पेंटिंग से जुड़ा है, जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जाती है. हाई कोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक अप्रैल 2014 में भंवर जितेंद्र सिंह ने शिकायतकर्ता की मां जो खुद पूर्व सांसद रह चुकी हैं से यह पेंटिंग उधार ली थी.
परिवार का आरोप है कि जब कुछ समय बाद पेंटिंग वापस मांगी गई तो कांग्रेस नेता ने इसे लौटाने में देरी की. 2017 में उन्होंने रिपोर्टेडली कहा कि वह पेंटिंग को ढूंढ नहीं पा रहे हैं. बताया गया कि उन्होंने इसके बदले बूँदी मिनिएचर पेंटिंग्स देने का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन मूल पेंटिंग अब तक वापस नहीं की गई.
शिकायत दर्ज होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले इसे एफआईआर या कार्रवाई लायक मामला नहीं माना. लेकिन इस फैसले को बाद में स्पेशल जज ने बदल दिया और कांग्रेस नेता को क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट यानी आपराधिक विश्वासघात के तहत तलब करने का आदेश दिया. इसी आदेश को चुनौती देने के लिए भंवर जितेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
हाई कोर्ट में कांग्रेस नेता के वकील ने दी दलील
सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पेंटिंग सौंपे जाने का कोई पक्का सबूत मौजूद नहीं है. वकील ने दलील दी कि शिकायत में न तो तारीख है, न समय, गवाहों के बयान आपस में मेल नहीं खाते हैं. ऐसा कोई लिखित या ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि पेंटिंग उन्हें दी गई थी.
सिंघवी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि जब तक हाई कोर्ट मामले पर फैसला नहीं सुनाता, तब तक ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए या कम से कम नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी जाए.
हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वह ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाएगा. लेकिन राहत देते हुए निर्देश दिया कि भंवर जितेंद्र सिंह ट्रायल कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो सकते हैं.
अब इस केस की अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2026 को होगी. तब तक हाई कोर्ट पुलिस और शिकायतकर्ता की प्रतिक्रिया पर गौर करेगा और फिर तय करेगा कि स्पेशल जज का तलब करने वाला आदेश सही था या नहीं.
Source: IOCL





















