(Source: ECI / CVoter)
Delhi News: लोक अभियोजनकों के लिए खुशखबरी, LG ने संशोधित वेतनमान को दी मंजूरी, जानिए कब से मिलेगा बढ़ा वेतन
एपीपी ( public prosecutors) वेतनमान में संशोधन दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली सरकार और अन्य से जुड़ी लंबी मुकदमेबाजी और केंद्रीय गृह मंत्रालय और एलजी सचिवालय से जुड़े पत्राचार के बाद हुआ था.
Delhi LG Approvr APP Pay Scale: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सोमवार को अभियोजन निदेशालय जीएनसीटीडी के तहत सहायक लोक अभियोजकों (एपीपी) के संशोधित वेतनमान पर अपनी सहमति दे दी है. एलजी की मंजूरी मिलने के बाद लोक अभियोजकों की पुरानी और बड़ी मांग पूरी हो गई है. अब जीएनसीटीडी के अभियोजकों 3 सितंबर 2015 से ही बढ़े वेतनमान का लाभ मिलेगा.
राजनिवास के अधिकारियों के अनुसार एलजी विनय सक्सेना ने अभियोजन निदेशालय जीएनसीटीडी के तहत काम करने वाले सहायक लोक अभियोजकों (एपीपी) को 5,400 रुपये के ग्रेड वेतन के साथ वेतन बैंड 3 का उच्च संशोधित वेतनमान देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अब उन्हें 3 सितंबर 2015 से सभी परिणामी लाभ भी मिलेंगे. अधिकारियों ने कहा कि एपीपी के लिए मौजूदा वेतनमान 4,800 रुपये के ग्रेड वेतन के साथ वेतन बैंड 2 में है और इसे संशोधित करने का प्रस्ताव गृह विभाग द्वारा वित्त विभाग, जीएनसीटीडी के परामर्श से मामले की जांच के बाद रखा गया था, जो एपीपी के संशोधित वेतनमान लागू करने के प्रस्ताव से सहमत था.
लंबे अरसे से लोक अभियोजक कर रहे थे मांग
एपीपी के लिए वेतनमान में संशोधन दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली सरकार और अन्य से जुड़ी लंबी मुकदमेबाजी और केंद्रीय गृह मंत्रालय और एलजी सचिवालय से जुड़े पत्राचार के बाद हुआ था. अधिकारियों ने कहा कि एपीपी के लिए संशोधित वेतनमान का मुद्दा दिल्ली उच्च न्यायालय में शुरू हुआ था, जो एक रिट याचिका कोर्ट ऑन इट्स ओन मोशन बनाम स्टेट शीर्षक से शुरू हुआ था, जिसमें अभियोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दे शामिल थे. दिल्ली, यानी, अभियोजन निदेशालय के अभियोजकों की वेतन संरचना, डीओपी का बुनियादी ढांचा, स्थायी वकीलों की फीस और पेशेवर शुल्क और राज्य द्वारा नियुक्त किए जा रहे वकीलों पर विचार किया गया.
LG ने एमएचए के सामने उठाया था ये मसला
अभियोजन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 3 सितंबर, 2015 के अपने आदेश में दिल्ली सरकार को अभियोजन निदेशालय के अभियोजन अधिकारी के वेतन ढांचे में संशोधन को मंजूरी देते हुए 1 सितंबर 2015 के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के कार्यान्वयन के संबंध में आवश्यक अनुपालन और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. अब एलजी सचिवालय ने 29 दिसंबर 2015 के पत्र के माध्यम से इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ उठाया और इस बीच दिल्ली अभियोजक कल्याण संघ (पंजीकृत) ने उच्च न्यायालय के समक्ष अवमानना फाइल की थी, जिसमें 3 सितंबर 2015 को कोर्ट द्वारा पारित का पालन करने का निर्देश दिया गया.