'अगर हम परीक्षा नहीं देंगे, तो कोई नहीं देगा', दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने क्यों किया हंगामा?
DU News: डीयू की लॉ फैकल्टी में कम उपस्थिति के कारण एडमिट कार्ड न मिलने से छात्रों ने आक्रोश में विरोध प्रदर्शन किया. बाद में छात्रों को शर्तों के साथ प्रोविजनल एंट्री की अनुमति दी.

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी में मंगलवार (27 मई) को उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, जब 150 से अधिक छात्रों को कम उपस्थिति के कारण आने वाले परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए. इस फैसले के विरोध में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और एक परीक्षा को बाधित कर दिया. सोमवार (26 मई) देर रात ही कुछ छात्रों ने परीक्षा विभाग में घुसने की कोशिश की और मंगलवार (27 मई) सुबह उन्होंने परीक्षा केंद्र को ताले लगाकर बंद कर दिया.
उनका कहना था, "अगर हम परीक्षा नहीं देंगे, तो कोई नहीं देगा." इसके चलते सुबह 9:30 बजे शुरू होने वाली परीक्षा दो घंटे देर से शुरू हुई. अंततः विश्वविद्यालय प्रशासन ने ताला तोड़ा और परीक्षा आयोजित करवाई, लेकिन बिना एडमिट कार्ड वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया.
बड़े विवाद के बाद मिली प्रोविजनल एंट्री
हालांकि, दिन में लॉ फैकल्टी ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर कहा कि कम उपस्थिति के कारण जिन छात्रों को परीक्षा से रोका गया था, उन्हें प्रवेश समिति की जांच के परिणाम के अधीन प्रोविजनल रूप से मई-जून सत्र की LLB परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जा रही है. यह निर्णय सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार लिया गया है. यह अस्थायी राहत छात्रों के विरोध के बीच आई है, जिसने एक बड़े विवाद का रूप ले लिया था.
ABVP ने लगाया पक्षपात का आरोप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए दावा किया कि करीब 300 छात्रों को परीक्षा शुरू होने से महज 3 दिन पहले मनमाने ढंग से एडमिट कार्ड देने से इनकार कर दिया गया. ABVP ने एक बयान में आरोप लगाया कि लॉ फैकल्टी प्रशासन ने पक्षपात करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष और NSUI नेता रौनक खत्री को एडमिट कार्ड जारी कर दिया, जबकि वह भी अनिवार्य उपस्थिति पूरी नहीं कर सके थे. ABVP ने इसे लॉ फैकल्टी के डीन की 'ग़ैर-शैक्षणिक और पक्षपातपूर्ण सोच' बताया और तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग की, साथ ही डीन के इस्तीफे की भी मांग की.
सोमवार (26 मई) रात से ही ABVP कार्यकर्ता फैकल्टी परिसर में धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि प्रशासन NSUI के साथ मिलीभगत कर छात्रों के शैक्षणिक हितों की अनदेखी कर रहा है. ABVP दिल्ली राज्य सचिव सार्थक शर्मा ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो संस्थान छात्रों का भविष्य संवारने के लिए हैं, वे ही उनके सपनों को कुचल रहे हैं."
उन्होंने सवाल उठाया कि जब DUSU अध्यक्ष को विशेष छूट दी जा सकती है, तो बाकी छात्रों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? शर्मा ने कहा कि ABVP तब तक विरोध जारी रखेगी जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिल जाता. उन्होंने कहा, "ABVP इस अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्ष करेगी."
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