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Delhi: बेजुबानों को लंपी वायरस से बचाने के लिए शुरू हुआ वैक्सीनेशन, बनाई गई रैपिड रिस्पॉन्स टीमें
दिल्ली सरकार ने मवेशियों में लंपी वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण शुरू किया है. पशुपालन विभाग ने इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड से बकरी के चेचक के टीके की 25,000 खुराक खरीदी हैं.
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Delhi Lampi Virus: दिल्ली सरकार ने सोमवार को स्वस्थ मवेशियों में लंपी वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण शुरू किया है. इस वायरस ने अब तक राष्ट्रीय राजधानी में 571 जानवरों को संक्रमित किया है. हालांकि दिल्ली में अब तक कुल 275 जानवर इस संक्रमण से ठीक हो चुके है. जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 296 है.
पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हमने इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड से बकरी के चेचक के टीके की 25,000 खुराक खरीदी हैं. आज से दिल्ली में स्वस्थ मवेशियों का टीकाकरण शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये खुराकें नि:शुल्क दी जाएंगी. टीकाकरण अभियान को पूरा करने में लगभग एक सप्ताह का समय लग जाएगा.
अधिकांश मामले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से
अधिकारी ने कहा कि सरकार रिंग टीकाकरण रणनीति अपनाएगी, जिसमें प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में स्वस्थ मवेशियों को वायरस के उत्तरकाशी स्ट्रेन से टीका लगाया जाएगा. लंपी वायरस के अधिकांश मामले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिले के गोयला डेयरी क्षेत्र, रेवला खानपुर क्षेत्र, घुमनहेरा और नजफगढ़ में पाए गए हैं. अभी तक इस संक्रमण से राजधानी एक भी मवेशी की मौत नहीं हुई है. अधिकारियों ने 11 सितंबर को राजधानी में लंपी वायरस के 173 मामले दर्ज किए थे. पहला मामला अगस्त के अंत में पता चला था.
रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन
दिल्ली सरकार ने चार मोबाइल पशु चिकित्सालय तैनात किए हैं और सैंपल इकट्ठा करने के लिए 11 रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन किया है. वहीं चार टीमें लोगों में वायरस के प्रति जागरुकता पैदा कर रही हैं. सरकार ने बीमारी से संबंधित प्रश्नों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8287848586 के साथ एक स्पेशल कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है.
लंपी वायरस से पीड़ित आवारा पशुओं के लिए दक्षिण पश्चिम दिल्ली के रेवला खानपुर गौ सदन में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. इस गौशाला में 4,500 मवेशी रह सकते हैं.
क्या हैं लंपी वायरस
मालूम हो कि लंपी वायरस एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मवेशियों के बीच मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैया के सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है. इसके आलावा दूषित भोजन और पानी के माध्यम से भी फैलता है. यह मवेशियों से इंसानों में नहीं फैलता है. इस वायरस के लक्षणों में तेज बुखार, कम दूध उत्पादन, त्वचा की गांठें, भूख न लगना, नाक से पानी निकलना और आंखों से पानी आना आदि शामिल हैं.
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 15 राज्यों के 251 जिलों में लंपी वायरस फैल गया है. इस वायरस से 23 सितंबर तक 20 लाख से अधिक मवेशी प्रभावित हुए हैं. 23 सितंबर तक इस बीमारी की वजह से कुल 97,435 मवेशियों की मौत हो चुकी है.
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