Delhi News: कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर फैसला टाला, दिल्ली दंगों से जुड़ा है मामला
Delhi News: दिल्ली दंगों के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत अर्जी पर यहां की एक अदालत ने सोमवार को अपना फैसला टाल दिया है.
Delhi News: दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत अर्जी पर यहां की एक अदालत ने सोमवार को अपना फैसला टाल दिया. कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत अब अगले सोमवार (21 मार्च) को आदेश सुनाएंगे. 3 मार्च को इसी पीठ ने मामले में पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद खालिद की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद ने फरवरी 2020 में अमरावती में उमर खालिद द्वारा दिए गए भाषण की प्रासंगिकता पर तर्क दिया था. उन्होंने कहा था कि 11 फरवरी को जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी जिसमें उसी दिन भारत आए डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे की घोषणा की गई थी.
उम्र खालिद के वकील की दलील
सुनवाई के दौरान खालिद के वकील ने भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत आरोपों का विरोध करते हुए आरोपपत्र को 'कल्पना का काम' करार दिया. उन्होंने तर्क दिया कि खालिद द्वारा दिया गया भाषण गांधी, सद्भाव और संविधान के बारे में था और यह कोई अपराध नहीं है. दलीलों के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.
दंगों में हुई थी इतनी मौतें
साजिश के मामले में आरोपियों में से एक खालिद पर आतंकवाद विरोधी कानून-गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) और सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे. इस तबाही में जो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहली भारत यात्रा के दौरान हुई थी उसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 700 से अधिक घायल हो गए थे.
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