Delhi-Dehradun Expressway: 100kmph पर भरें रफ्तार, दिल्ली में कोई टोल नहीं! लोगों को मिलेंगे ये फायदे
Delhi Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक ट्रायल पर खुल गया है. इस नए रूट से देहरादून तक 2.5 घंटे में पहुंचने का सपना पहले से कहीं अधिक करीब आ गया है.

दिल्ली से देहरादून तक सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का दिल्ली वाला हिस्सा अब अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक ट्रायल बेसिस पर पब्लिक के लिए खोल दिया गया है. इस रूट के खुलने से यमुना पार के सबसे कंजस्टेड इलाकों में बिना रुकावट हाई स्पीड ट्रैफिक संभव हो गया है और देहरादून तक 2.5 घंटे में पहुंचने का लक्ष्य अब पहले से कहीं अधिक करीब दिखाई देता है.
32 किमी. लंबा यह सेक्शन दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज को जोड़ता है और यात्रा के कुल समय को बड़े स्तर पर कम कर देता है. आइए इस एक्सप्रेसवे के बारे में डिटेल्स में जानें.
दिल्ली के अंदर कोई टोल लागू नहीं
अक्षरधाम से शुरू होकर लोनी बॉर्डर और ईस्टर्न पेरिफेरल के पहले कट तक यह पूरा हिस्सा बिना रुकावट कनेक्टिविटी दे रहा है. दिल्ली की सीमा में लगभग 14.75 किमी लंबा यह सेक्शन ऊपर एलिवेटेड और नीचे मेन कैरिजवे के रूप में दो लेवल पर विकसित किया गया है. एक्सप्रेसवे पर 100 km/h की स्पीड लिमिट है और दिल्ली के अंदर कोई टोल लागू नहीं है. अक्षरधाम से लोनी बॉर्डर तक की दूरी सिर्फ 20–25 मिनट में आराम से तय हो रही है, जबकि पूरे रूट पर CCTV, साउंड बैरियर और फुल सर्विलांस सिस्टम लगाए गए हैं जो सुरक्षा और स्मूथ ट्रैफिक फ्लो सुनिश्चित करते हैं.
इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा हर्डल गीता कॉलोनी का 6.4-6.5 किमी एलिवेटेड फ्लाईओवर था, जो अब पूरी तरह ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है. पहले गाड़ियों को नीचे की लोकल सड़कों, पुस्ता रोड और गांधीनगर बाजार जैसे बेहद कंजस्टेड इलाकों से होकर गुजरना पड़ता था, जहां स्पीड 20-30 km/h से ऊपर ले जाना मुश्किल होता था. अब यही 9 किमी का सफर केवल 10 मिनट में पूरा हो रहा है. इस एलिवेटेड ट्रैक के खुलने से गांधीनगर, शास्त्री पार्क, सीलमपुर, खजूरी खास और भजनपुरा जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके व्यावहारिक रूप से “ऊपर से गायब” हो चुके हैं और नीचे की ट्रैफिक भीड़ सिर्फ दिखाई देती है, महसूस नहीं होती.
और क्या है फिचर्स?
पूरे रूट को 12 लेन के हाई स्पीड कॉरिडोर के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें ऊपर 6-लेन एलिवेटेड ट्रैक और नीचे मेन कैरिजवे व सर्विस लेन शामिल हैं. जगह-जगह लेन मार्किंग, रोड रिफ्लेक्टर्स, साउंड बैरियर्स और एंटी-ग्लेयर स्क्रीन लगाए गए हैं. यमुना पार जैसे क्षेत्रों में अब मल्टी-लेवल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है जहां नीचे लोकल रोड, बीच में मेट्रो पिंक लाइन और सबसे ऊपर एक्सप्रेसवे है. पैदल यात्रियों को सुरक्षित क्रॉसिंग देने के लिए कई फुटओवर ब्रिज भी बनाए गए हैं, जिससे हाई स्पीड ट्रैफिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
टोल के मामले में फिलहाल दिल्ली हिस्से में कोई शुल्क नहीं लगाया जा रहा है. जैसे ही वाहन लोनी बॉर्डर पार कर यूपी में प्रवेश करते हैं, वहां पहला टोल प्लाजा आता है, हालांकि अभी टोल कलेक्शन शुरू नहीं हुआ है क्योंकि पूरा प्रोजेक्ट ट्रायल फेज में चल रहा है. आने वाले महीनों में जैसे-जैसे बाकी हिस्से तैयार होंगे, टोल नीति भी लागू की जाएगी.
पूरा एक्सप्रेसवे तैयार होने पर अक्षरधाम से देहरादून तक 210 किमी की दूरी लगभग 2.5 घंटे में तय करने का लक्ष्य रखा गया है. यही कॉरिडोर हरिद्वार, ऋषिकेश और आगे चारधाम रूट से भी कनेक्टिविटी देगा. यानी दिल्ली से उत्तराखंड के धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक का सफर अब तेज, सुरक्षित और बिना रुकावट होने वाला है. अनुमान है कि पूरा रूट फरवरी 2026 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
Source: IOCL























