छत्तीसगढ़ में आकस्मिक मौत और आत्महत्या के चौंकाने वाले आंकड़े, NCRB रिपोर्ट आई सामने
Chhattisgarh News: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में आकस्मिक मौत और आत्महत्या के मामले राष्ट्रीय स्तर पर उच्च रहे. बिजली गिरना और नकली शराब जैसी घटनाएं बड़ी वजह रही.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ 2023 में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या के मामले में देश में उच्च स्थान पर रहा. आकस्मिक मौतों के मामले में यह तीसरे और आत्महत्या के मामले में चौथे स्थान पर है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में छत्तीसगढ़ में कुल 16,011 आकस्मिक मौतें हुईं. इनमें से केवल 230 मौतें प्राकृतिक कारणों से हुईं, जबकि बाकी 15,781 मौतें अन्य कारणों से हुई. पिछले साल 2022 में आकस्मिक मौतों की संख्या 16,893 थी, यानी इस साल लगभग 5.2 प्रतिशत की कमी आई है.
आकस्मिक मौतों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. पहली ‘प्राकृतिक कारणों से हुई मौतें’ हैं, जिनमें बिजली गिरना, लू लगना, जमीन धंसना या भूस्खलन जैसी घटनाएँ शामिल हैं. वहीं दूसरी श्रेणी ‘अन्य कारणों’ की है, जिसमें यातायात दुर्घटनाएं, जानवरों के हमले, नकली शराब का सेवन और फैक्टरी दुर्घटनाएं शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई 230 मौतों में से 180 मौतें आकाशीय बिजली गिरने की वजह से हुईं. देशभर में कुल 6,444 प्राकृतिक कारणों से हुई मौतों में से लगभग 40 फीसदी मौतें बिजली गिरने से हुईं.
नकली शराब और अन्य दुर्घटनाओं से मौतें
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि 2023 में देशभर में नकली शराब के सेवन से 522 मौतें हुईं. झारखंड में 194, कर्नाटक में 79, बिहार में 57, छत्तीसगढ़ में 37 और पंजाब में 33 मौतें इस वजह से हुईं.यातायात और फैक्टरी दुर्घटनाओं जैसी अन्य घटनाओं के कारण होने वाली मौतों ने भी आकस्मिक मृत्यु की कुल संख्या में बड़ा योगदान दिया.
आत्महत्या की दर में कमी
छत्तीसगढ़ में 2023 में कुल 7,868 आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए, जो 2022 की संख्या 8,446 से 6.8 प्रतिशत कम है. 28 राज्यों में आत्महत्या की दर के मामले में छत्तीसगढ़ 26 फीसदी के आंकड़े के साथ चौथे स्थान पर रहा.
देश में कुल आत्महत्या दर प्रति एक लाख जनसंख्या 12.3 है. हालांकि, अंडमान-निकोबार (49.6) और पुडुचेरी (28) जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में यह दर छत्तीसगढ़ से भी ज्यादा है.
छत्तीसगढ़ में आत्महत्या के मामलों में पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं, और यह मुख्य रूप से मानसिक तनाव, बेरोजगारी, पारिवारिक विवाद और आर्थिक दबाव जैसी वजहों से होती हैं.
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