'कौन सा जॉब देंगे खेसारी लाल, नाचने वाला?', तेजप्रताप यादव का RJD उम्मीदवार पर तंज
Tej Pratap Yadav on Khesari Lal Yadav: भोजपुर सिनेमा का चर्चित चेहरा खेसारी लाल यादव छपरा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार हैं. तेज प्रताप यादव ने उन पर तंज किया है.

तेजप्रताप यादव ने आरजेडी उम्मीदवार खेसारी लाल यादव पर तंज किया है. मीडिया ने सवाल किया कि खेसारी लाल यादव कह रहे हैं कि महागठबंधन के लोग 2 करोड़ रोजगार देंगे, इस पर तेजप्रताप ने कहा कि 'कौन सा जॉब देंगे खेसारी लाल, नाचने वाला?' एनडीए के घोषणापत्र में एक करोड़ रोजगार देने के वादे पर उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव चल रहा है, देख लेते हैं क्या होता है.
चुनाव के बीच चर्चा में 'नाचने वाला' शब्द
बता दें कि बिहार के चुनावी माहौल में 'नाचने वाला' शब्द चर्चा में है. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने खेसारी लाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरजेडी को कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो उन्होंने एक 'नाचने वाले' को भेज दिया. विपक्ष ने सम्राट चौधरी के बयान की आलोचना की. बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी. मनोज तिवारी खुद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का नामी चेहरा हैं.
#WATCH | #BiharElection2025 | On NDA 'sankalp patra', Janshakti Janata Dal Chief Tej Pratap Yadav says, "This is election season. Let's see what happens."
— ANI (@ANI) October 31, 2025
On RJD's Khesari Lal Yadav's "2 crore jobs" claim, he says, "What job will Khesari Lal provide? Nachne wala?" pic.twitter.com/19fVuu5w1o
सबसे ज्यादा आर्टिस्ट बीजेपी में- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने कहा, "किसी ने ऐसा शब्द नहीं बोला है. ये कुछ लोगों की साजिश है. मैंने सम्राट भाई से बात की है. वो कलाकारों को बहुत सम्मान करते हैं. सबसे ज्यादा आर्टिस्ट कहां हैं? वो एनडीए में हैं. सबसे ज्यादा आर्टिस्ट भारतीय जनता पार्टी में हैं. इसलिए खेसारी बाबू चिंता न करें. हम किसी के प्रोफेशन को बहुत बड़ा देखते हैं."
छपरा सीट का राजनीतिक इतिहास
गौरतलब है कि सिनेमा में हिट ट्रेंडिंग मशीन बनने के बाद खेसारी लाल यादव राजनीति में उतर चुके हैं. वे छपरा से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले दो चुनाव में यह सीट भाजपा के पास रही है, लेकिन पूर्व में इस सीट पर कांग्रेस का भी दबदबा रह चुका है. इस बार के चुनाव में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी. 1957 में गठन के बाद से छपरा विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं. 1957 में हुए पहले चुनाव में यहां कांग्रेस के राम प्रभुनाथ सिंह ने चुनाव जीता था.
कांग्रेस ने यहां चार बार जीत हासिल की है, आखिरी जीत 1972 में मिली. छपरा की जनता ने 2005 के चुनाव में जदयू के राम परवश राय को चुनाव जिताकर विधानसभा भेजा.2010 में यह सीट भाजपा के खाते में आई, लेकिन 2014 के उपचुनाव में राजद के रणधीर कुमार सिंह इस सीट से जीत गए. 2015 के आम चुनाव में भाजपा ने वापसी की और 2020 में भाजपा के सीएन गुप्ता यहां से लगातार दूसरी बार विधायक बने.
छपरा विधानसभा सीट कौन हैं निर्णायक वोटर?
छपरा विधानसभा सीट पर वैश्य, यादव और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इनके अलावा ब्राह्मण, राजपूत, कुशवाहा, पासवान और ईबीसी वर्ग के मतदाताओं की भी अच्छी-खासी संख्या है, जो चुनाव परिणामों पर अपना असर छोड़ती है. छपरा विधानसभा सीट सारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. छपरा न सिर्फ एक प्रमुख शहरी केंद्र है, बल्कि यह सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है. शहर की भौगोलिक स्थिति इसे और भी विशेष बनाती है. यह घाघरा नदी के उत्तरी तट पर बसा है और गोरखपुर-गुवाहाटी रेलमार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है. यहां से गोपालगंज और बलिया की ओर रेल लाइनें जाती हैं, जिससे यह व्यापार और आवागमन का प्रमुख केंद्र बन चुका है.
Source: IOCL
























