बिहार चुनाव: 'जिसके पास बहुमत होगा, उसी के साथ जाएंगे', तेज प्रताप यादव का बड़ा बयान
Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव ने कहा कि 14 तारीख को जनता जिसे चुनेगी, वे उसी का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि बदलाव होगा और समर्थन केवल जनता के हित में काम करने वालों को मिलेगा.

बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में हर राजनीतिक बयान नए समीकरणों को जन्म दे रहा है. इसी कड़ी में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार (7 नवंबर) को एक बड़ा बयान दिया.
तेज प्रताप ने कहा कि 14 तारीख को जनता जिसको चुनेगी, हम उसी का समर्थन करेंगे, चाहे वो कोई भी हो. उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है.
मैं उसी का साथ दूंगा जो मुद्दों पर बात करेगा- तेज प्रताप यादव
तेज प्रताप यादव ने कहा कि इस बार बिहार में जनता बदलाव चाहती है और 14 नवंबर को ये बदलाव साफ दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि 14 तारीख को पूर्ण बदलाव होगा. मैं उसी का साथ दूंगा जो असली मुद्दों पर बात करेगा. रोजगार पैदा करेगा, पलायन रोकेगा और किसानों की समस्याओं को हल करेगा. उन्होंने साफ किया कि उनकी राजनीति किसी व्यक्ति या दल के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता के हक के लिए है. हमारा मकसद सत्ता में आना नहीं, बल्कि जनता की आवाज बनना है. जो भी दल या नेता जनता के हित में काम करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा.
किसी भी दल से समर्थन सिर्फ शर्तों पर होगा- तेज प्रताप
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह बयान एनडीए में शामिल होने की संभावना का संकेत है, तो उन्होंने कहा कि राजनीति में दरवाजे बंद नहीं होते है. अगर कोई दल बहुमत लेकर आता है और जनता के लिए काम करने का वादा करता है, तो मैं उसका समर्थन करूंगा. लेकिन यह समर्थन शर्तों पर होगा और सिर्फ जनता के विकास के लिए होगा.
जनता तय करेगी कौन संभालेगा बिहार का भविष्य- तेज प्रताप
अंत में तेज प्रताप यादव ने कहा कि जनता सबसे बड़ी ताकत है. 14 तारीख को वही फैसला करेगी कि बिहार का भविष्य कौन संभालेगा और मैं उसी जनता के फैसले के साथ रहूंगा. यह बयान साफ करता है कि बिहार चुनाव के इस चरण में तेज प्रताप यादव ने अपने लिए 'जनता समर्थक' छवि बनाने की ठोस कोशिश की है. एक ऐसे नेता की, जो दल से ऊपर उठकर बिहार के हितों की बात कर रहा है.
तेज प्रताप यादव के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक ‘रणनीतिक लचीलापन’ मान रहे हैं. कुछ इसे उनके व्यक्तिगत रुख का संकेत बता रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह बयान राजद की पारंपरिक नीति से थोड़ा हटकर है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार, तेज प्रताप की इस टिप्पणी ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है. यह बयान न केवल एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए मायने रखता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि चुनावी नतीजों के बाद गठबंधन की राजनीति किस दिशा में जाएगी.
Source: IOCL





















