सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ पटना साहिब गुरुद्वारा का फरमान, 10 दिनों में देना होगा जवाब
Bihar News: तख्त श्री हरमिंदर पटना साहिब ने सुखबीर सिंह बादल को 10 दिनों में पेश होने का आदेश जारी किया है. पंच प्यारों के हुकुमनामे की अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

Patna News: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सुखबीर सिंह बादल को 10 दिनों के अंदर अंदर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में उपस्थित होने का आदेश जारी हुआ है. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री पर तख्त श्री हरिमंदिर में हस्तक्षेप और षड्यंत्र का आरोप है. पंच प्यारों ने आदेश में कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने पर पंथक परंपरा के अनुसार कार्रवाई होगी.
दरअसल अकाल तख्त और पटना साहिब गुरुद्वारा के बीच अपनी ताकत और आदेश उलंघन का जंग छिड़ा हुआ है. पहले तख्त हर मंदिर साहिब गुरुद्वारा के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह गौहर मस्कीन को फिर से जत्थेदार बनाने का आदेश जारी कर दिया गया. हुकुमनामा के खिलाफ़ तख्त हरिमंदि पटना साहिब में पंच प्यारों की बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह ने की. तख्त श्री अकाल साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज और ज्ञानी टेक सिंह को तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब के हुकुमनामा 11 सितंबर 2022, 25 नवंबर 2022, नौ दिसंबर 2022 का उल्लंघन मानते हुए तनखैया घोषित कर दिया गया.
सुखबीर सिंह बादल को हाजिर होने का आदेश
वहीं, पंच-प्यारों ने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर भी बड़ा फैसला लिया. सुखबीर सिंह बादल को तख्त श्री हरिमंदिर के कामकाज में हस्तक्षेप का दोषी मानते हुए दस दिनों में पटना साहिब पेश होने का आदेश जारी कर दिया गया. पंच प्यारों की बैठक में जत्थेदार, अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह व भाई गुरुदयाल सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी ज्ञानी परशुराम सिंह और मीत ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह थे.
अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
आदेश में कहा गया है कि पंच प्यारों के हुकुमनामे की अवहेलना विरोध करने पर तख्त श्री हरिमंदिर साहिब की मर्यादा के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी. बैठक में पंच-प्यारों ने अकाल तख्त की ओर से जारी हुकुमनामा को भी रद्द कर दिया. पंच प्यारों ने बताया है कि पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह पर पहले से जारी हुकुमनामा तनखैया और पंथ छेकने का आदेश जारी रहेगा. बैठक में फैसला लिया गया कि अकाल तख्त और बाहरी किसी भी तख्त का हुकुमनामा लागू नहीं होगा और न ही उनके आदेश को माना जाएगा.
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Source: IOCL























