राहुल गांधी का बिहार दौरा, दशरथ मांझी के परिवार से मिले, बेटे को विधायक बनाने का किया वादा
Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने बिहार दौरे पर गया में 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने मांझी के पहाड़ काटकर रास्ता बनाने के संघर्ष की कहानी सुनी और परिवार की स्थिति जानी.

Rahul Gandhi Bihar Tour: कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार (06 जून, 2025) को एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे. राहुल गांधी सुबह करीब 10.30 बजे के आसपास गयाजी पहुंचे. इस दौरान, उन्होंने गया जिले में 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी के परिवार से मुलाकात की. परिवार के साथ राहुल गांधी ने तस्वीरें खिंचवाईं.
बतादें कि राहुल गांधी जब 5 फरवरी को वह पटना में दूसरा दौरा किए थे .उस वक्त दशरथ मांझी के बेटे भागीरथी मांझी से मुलाकात हुई थी और उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष रहे अखिलेश प्रसाद सिंह ने भागीरथी मांझी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी और आज 5 वें दौर में उनके गांव पहुंचें .
भागीरथ मांझी ने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें अपने पास बिठाया, अपने हाथों से ग्लास देकर पानी पिलाया और उन्हें विधायक बनाने का वादा किया है. मांझी ने दावा किया था कि उन्हें राहुल गांधी ने बोधगया सीट से टिकट देने के लिए वचन दे दिया है. इसकी वजह से वे कांग्रेस में शामिल हुए हैं. फिलहाल बोधगया सीट महागठबंधन के ही खाते में है और यहां से आरजेडी के विधायक सर्वजीत हैं. वे महागठबंधन सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं.
मांझी की पोती अंशु कुमारी ने एएनआई को बताया कि राहुल गांधी ने उनकी कहानी के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि दशरथ मांझी ने अपनी पत्नी के मौत का दुख झेला जब वह पहाड़ को पार कर रही थीं.
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2025
दशरथ मांझी की पोती ने राहुल गांधी से की बात
अंशु कुमारी ने कहा, "राहुल गांधी आज यहां आए थे. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग आते हैं, इसलिए मुझे भी आने का मन हुआ. वह देखना चाहते थे कि बाबा का घर कैसा है और उन्होंने पहाड़ कैसे खोदा. वे इस बारे में भी बात करते थे. फिर हमने उन्हें अपनी स्थिति समझाई. हमने कहा कि मेरी दादी पहाड़ पार करने के दौरान गिर गईं और उनकी मौत हो गई."
मांझी गहलौर गांव के रहने वाले थे, जो गया के पास है. बिहार सरकार के मुताबिक, मांझी ने केवल एक हथौड़ा और छेनी का उपयोग करके पहाड़ियों के बीच से 110 मीटर लंबा (360 फीट), 9.1 मीटर (30 फीट) चौड़ा और 7.7 मीटर (25 फीट) गहरा रास्ता बनाया. इसके बाद गया शहर का रास्ता 55 किलोमीटर से कम होकर सिर्फ 15 किलोमीटर का रह गया.
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Source: IOCL





















