प्रशांत किशोर के आरोपों पर आ गया मंगल पांडेय का जवाब, मंत्री ने 25 लाख का 'हिसाब' दे दिया
Bihar Politics: मंगल पांडेय का कहना है कि उन्होंने दिलीप जायसवाल से पैसा ऋण के रूप में लिया था. चेक से ही राशि ली गई थी और उस राशि को वापस भी चेक से ही किया गया है.

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार (08 अगस्त, 2025) को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर सनसनीखेज आरोप लगाया. उनके आरोपों पर अब बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पलटवार किया है. आरोपों का जवाब भी दिया है.
मंगल पांडेय ने रिश्वत के पैसे से पत्नी के नाम पर फ्लैट खरीदने के आरोप पर कहा कि उन्होंने दिलीप जायसवाल से ऋण लिया था. उस पैसे को पौने पांच साल पहले ही वापस भी कर दिया गया. जो राशि ऋण के रूप में ली गई थी वह चेक से ही ली गई थी और उस राशि को वापस भी चेक से ही किया गया है.
'विश्वविद्यालय की मान्यता में स्वास्थ्य विभाग का रोल नहीं'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने एक कॉलेज के विश्वविद्यालय की मान्यता को लेकर यह आरोप लगाया कि 25 लाख रुपये दिलीप जायसवाल से इसी काम के लिए लिए गए थे. मंगल पांडेय ने इस आरोप पर कहा, "विश्वविद्यालय की मान्यता में स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं होता है."
दूसरी ओर मंत्री मंगल पांडेय ने एंबुलेंस खरीद में हेराफेरी के आरोपों को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए बाजाब्ता एक प्रक्रिया है. निविदा होती है, निविदा में संबंधित पक्ष अपनी निविदा देती है. उसके निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है. निष्पादन प्रक्रिया से जो पक्ष सहमत नहीं होता है तो न्यायालय जाता है. इस मामले में भी लोग न्यायालय गए हैं. यह मामला उच्च न्यायालय में है. विभाग से अभी तक इस मामले में कोई भुगतान नहीं हुआ है.
प्रशांत किशोर ने क्या कहा है?
दरअसल प्रशांत किशोर ने कहा है कि कोरोना के समय में मंगल पांडेय ने अपनी पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम से दिल्ली के द्वारका में 86 लाख का फ्लैट खरीदा था. 6 अगस्त 2019 को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने अकाउंट से 25 लाख रुपये मंगल पांडेय के पिता को भेजा था. फिर उनके पिता अवधेश पांडेय ने अपनी बहू के खाते में ये रुपये भेजे. इसके बदले में किशनगंज में एक मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया था. इसमें दिलीप जायसवाल की भी हिस्सेदारी है. पीके ने एंबुलेंस खरीद को लेकर यह आरोप लगाया है कि 19 लाख वाली एंबुलेंस को 28 लाख रुपये में खरीदा गया है.
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Source: IOCL























