'EVM हटना लोकतंत्र के लिए खतरनाक', बिहार चुनाव सुधार पर संजय कुमार झा का आरोप
Bihar News: राज्यसभा में जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में ईवीएम की वजह से निष्पक्ष चुनाव संभव हुए. इसलिए ईवीएम को कभी नहीं हटाना चाहिए और इसे समर्थन देना जरूरी है.

राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान जेडीयू के सांसद संजय कुमार झा ने ईवीएम का जोरदार समर्थन किया. उन्होंने कहा कि बिहार में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव ईवीएम की वजह से ही संभव हो पाए हैं. इसलिए ईवीएम को कभी भी हटाया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार का चुनावी इतिहास इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि तकनीक ने लोकतंत्र को कैसे मजबूत किया है.
संजय कुमार झा ने रिकॉर्ड का हवाला देते हुए बताया कि देश में सबसे पहली बूथ कैप्चरिंग की घटना बिहार में ही हुई थी. उन्होंने कहा कि वर्ष 1957 में बेगूसराय में कांग्रेस शासन के दौरान बूथ कैप्चरिंग हुई थी. जब कांग्रेस उम्मीदवार सरयू प्रसाद सिंह के पक्ष में मतदान केंद्र पर कब्जा किया गया. उन्होंने कहा कि उस दौर में चुनाव प्रचार के बजट में गुंडों, गोली और बम के लिए भी अलग से पैसा रखा जाता था.
कांग्रेस ने 2005 में खुद की थी वोट चोरी- संजय कुमार झा
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि आज जो लोग वोट चोरी की बात कर रहे हैं, उन्हें बिहार के इतिहास को याद करना चाहिए. उन्होंने वर्ष 2005 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय तो पूरे वोट की ही चोरी कर ली गई थी. उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान आधी रात को बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई. रात 12 बजे कैबिनेट की बैठक हुई, राष्ट्रपति उस समय मॉस्को में थे और फैक्स के जरिए राष्ट्रपति शासन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए. उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने चुनाव जीता था, वे शपथ तक नहीं ले पाए.
यात्रा जहां-जहां निकाली वहां कांग्रेस का हुआ सूपड़ा साफ- झा
संजय कुमार झा ने वोट चोरी के आरोपों को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा कि बिहार के चुनावों में सच्चाई सबके सामने आ चुकी है. उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में यह प्रक्रिया पहले भी हो चुकी है. वर्ष 2003 में जब इतनी आधुनिक तकनीक नहीं थी, तब भी केवल एक महीने में एसआईआर पूरा कर लिया गया था.
उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार का कोई भी प्रयास तब तक अधूरा रहेगा, जब तक मतदाता सूची पूरी तरह स्वच्छ नहीं होगी. एसआईआर की प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दलों को शामिल किया गया था और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रही. उन्होंने कहा कि कहीं से भी कोई गंभीर शिकायत सामने नहीं आई. इसके बावजूद विपक्ष ने बिहार में यात्रा निकाली. उन्होंने जहां-जहां यह यात्रा निकाली वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.
कांग्रेस के शासन में की जाती थी बूथ कैप्चरिंग- संजय
संजय कुमार झा ने बताया कि बिहार में कांग्रेस शासन के दौरान बूथ कैप्चरिंग की जाती थी. एक जिले के लोग दूसरे जिले में जाकर पूरी तैयारी के साथ मतदान केंद्रों पर कब्जा करते थे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जब केजे राव को चुनाव की जिम्मेदारी दी गई. तब पहली बार बिहार के लोगों ने निष्पक्ष चुनाव देखा और लाइन में लगकर ईवीएम से वोट डाला.
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में जिन 65 लाख वोटों को हटाया उनमें से लगभग 40 प्रतिशत वोटर्स ऐसे थे, जिनकी 2003 से 2025 के बीच मृत्यु हो चुकी थी या जो पलायन कर चुके थे. संजय कुमार झा ने दोहराया कि ईवीएम के कारण ही बिहार में निष्पक्ष चुनाव संभव हुए हैं और वे इसके प्रबल समर्थक हैं.
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Source: IOCL























