JDU Meeting in Delhi: जेडीयू में पहली बार राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी तो 2 पार्टियों का हुआ था विलय, खबर को समझिए
Bihar CM Nitish Kumar: राजनीतिक जानकार मानते हैं कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक होती है. इसमें 200 से ज्यादा सदस्य होते हैं. इस बैठक में जो निर्णय लिए जाते हैं वो सर्वमान्य होता है.
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) गुरुवार (28 दिसंबर) को पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. दिल्ली में 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. दिल्ली जाने से पहले पटना में नीतीश कुमार ने कहा कि यह रूटीन बैठक है. हर साल होती है. अब सवाल उठता है कि रूटीन बैठक है तो फिर इतनी अटकलबाजी क्यों हो रही है? इसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में क्या होता है.
राजनीति जानकार रवि उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कम सदस्य होते हैं. इसमें पार्टी में क्या कुछ करना है, नई नियमावली अगर कुछ निकालनी है तो उस पर चर्चा होती है. पार्टी में कुछ अलग करने का निर्णय लिया जाता है, लेकिन सबसे अहम राष्ट्रीय परिषद की बैठक होती है. इसमें 200 से ज्यादा सदस्य होते हैं. इस बैठक में जो निर्णय लिए जाते हैं वो सर्वमान्य होता है.
2003 में पहली बार हुई थी राष्ट्रीय परिषद की बैठक
रवि उपाध्याय ने कहा कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2022 में एक बार सिर्फ राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी. इससे पहले राष्ट्रीय परिषद की बैठक 2003 में हुई थी जब जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार की समता पार्टी और शरद यादव की लोक शक्ति पार्टी का विलय हुआ था. दोनों पार्टी को मिलाकर जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ था. उस वक्त राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई थी और सर्वसमत्ति से विलय का निर्णय लिया गया था. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में शरद यादव को चुना गया था.
रवि उपाध्याय ने आगे कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जो निर्णय लिए जाएंगे उस निर्णय को राष्ट्रीय परिषद में लाया जाएगा. राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की सहमति बन जाएगी तो वह पारित हो जाएगा. उन्होंने बताया कि यह निश्चित है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक अहम होगी और बहुत बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि जेडीयू के कई ऐसे सांसद हैं जिन्होंने प्रस्ताव रखा है कि एनडीए के साथ रहकर ही चुनाव जीता जा सकता है क्योंकि वे बीजेपी के सहयोग से सांसद बने हैं. वह पहले एनडीए के साथ थे. कई विधायक ने भी अलग से बैठक की है. नीतीश कुमार आगे क्या करेंगे यह इस बैठक में सब कुछ साफ हो सकता है.
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