एक्सप्लोरर

Bihar Politics: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने 'तेजस्वी बिहार' का नारा देकर JDU को चिढ़ाया? पढ़ें इसके सियासी मायने

रामचरितमानस पर विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 'तेजस्वी बिहार' का नारा देकर महागठबंधन की सरकार में सहयोगी जेडीयू को चिढ़ा दिया है. इसके सियासी अर्थ हैं.

बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर सिंह अपने बयानों से चर्चा में बने हुए हैं. मधेपुरा से तीसरी बार विधायक और महागठबंधन सरकार में दूसरी बार मंत्री बने चंद्रशेखर सिंह ने अपने नेता तेजस्वी यादव की बड़ाई में कसीदे पढ़े हैं लेकिन उनके शब्दों के अर्थ कतई वो नहीं हैं. इन शब्दों के राजनीतिक निहितार्थ हैं. रामायण पर विवादित बयान को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के केंद्र में आए बिहार के शिक्षा मंत्री ने इस बार तेजस्वी यादव को अभी से मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर 'तेजस्वी बिहार' का नया नारा दे दिया है.

इस बयान से जेडीयू असहज

इस नए नारे से  बिहार में NDA के साथ चले आ रहे गठबंधन को तोड़कर आरजेडी के महागठबंधन के साथ हाथ मिलाकर राज्य में सरकार बनाने वाली पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के नेता परेशान हैं. जाहिर है जेडीयू के नेता इस नारे को सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपमान के रूप देख रहे हैं. यहां ये बात उल्लेखनीय है कि विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्रीधारी शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस ने 11 जनवरी को जब रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें इस तरह के बयान से परहेज करने को कहा था. बताया जाता है कि जिस समय अपने मंत्री को मुख्यमंत्री यह सलाह दे रहे थे उस समय आरजेडी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे. तेजस्वी यादव ने इस पर चुप्पी साध ली थी. उन्होंने आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर को कुछ नहीं कहा. बताया जा रहा है कि ये बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खटकी थी.   

तेज प्रताप ने भी साध ली थी चुप्पी

तेजस्वी यादव ने ही नहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के दूसरे बेटे तेज प्रताप ने भी इस पर चुप्पी साध ली थी और उन्होंने इस विवाद पर यह कहकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था कि यह धार्मिक मामला है, हम इस पर कुछ नहीं कहेंगे. 

आखिर क्या देना चाहते हैं संदेश 

आरजेडी के वोट बैंक पर यदि नजर डाली जाए तो लालू प्रसाद जब वर्ष 1990 में सत्ता में आए तब से उन्होंने खुद को पिछड़ों के नेता के रूप में अपनी छवि बनाई. इसके लिए उन्होंने 'भूराबाल साफ करो' जैसा विवादित नारा दिया. ये नारा बिहार की अगड़ी और साधन संपन्न जातियां भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला यानी कायस्थ समाज को साफ करने को लेकर दिया गया था.  जाहिर है इस नारे ने लालू के पिछड़ों और वंचितों के नेता की छवि को और मजबूती दी. आरजेडी की सवर्ण जातियों के उसी विरोध के बल पर राजनीतिक रूप से दलितों और पिछड़ों को एकजुट करने में कामयाब रही थी और 15 साल सत्ता के केंद्र में रही. आरजेडी नेता और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान को उसी की अगली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है. 

तेजस्वी यादव बदल रहे छवि

लालू यादव-राबड़ी देवी के शासनकाल में आरजेडी की 'सवर्ण विरोधी' जो छवि बनी थी उसे तेजस्वी यादव ने बदलने का काम किया है. बिहार में आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह राजपूत समाज से आते हैं. वहीं तेजस्वी यादव परशुराम जयंती समारोह में भाग लेकर और विधान परिषद में भूमिहार समाज को साधने की कोशिश की. पिछले साल आरजेडी ने 5 भूमिहार नेताओं को विधान परिषद का टिकट दिया जिनमें 3 जीत कर विधान परिषद पहुंचे. ब्राह्मण में डॉ. मनोज झा राज्यसभा में आरजेडी के टिकट से ही पहुंचे  हैं. पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी आरजेडी सत्ता से दूर रहा इसका प्रमुख कारण सवर्ण जातियों की आरजेडी से नाराजगी को माना जाता है. तेजस्वी के आने के बाद आरजेडी की छवि तेजी से बदली है. अब बीजेपी या जेडीयू को वोट देना सवर्णों की मजबूरी नहीं है.

जेडीयू का खिसकता जनाधार!

जेडीयू नेता नीतीश कुमार के वोट  बैंक पर नजर डाली जाए तो बिहार में लव-कुश की यानी कुर्मी-कोइरी के वोट बैंक के साथ बीजेपी से नाराज अगड़ों का वोट बैंक भी है. नीतीश के विकास पुरुष वाली सौम्य और बेदाग छवि का भी योगदान है. जाहिर है नीतीश अपने वोटबैंक को इस तरह हाथ से जाने देना नहीं चाहेंगे. नीतीश नहीं तो उनकी पार्टी के कुछ नेता आगे आएंगे और इस चंद्रशेखर के बयान की आलोचना करेंगे. जैसे उपेंद्र कुशवाहा ने रामचरितमानस वाले बयान पर किया.    

ये है जातीय समीकरण 

जातीय समीकरण को देखा जाए तो बिहार में करीब 14 प्रतिशत वोटर यादव जाति हैं. यादव  26 फीसदी ओबीसी में आते हैं. 26 फीसदी अति पिछड़े हैं. आरजेडी का परंपरागत वोट बैंक यादव ही हैं. पिछड़े वर्ग में 8 फीसदी कुशवाहा और 4 फीसदी कुर्मी हैं. ये नीतीश कुमार का बेस वोट  बैंक है. इनके अलावा बिहार का 16 फीसदी मुसलमानों का है जो  मुस्लिम यादव के जोड़ को माय समीकरण बनाता है. मुस्लिम नीतीश से इस वजह से दूर रहे कि बीजेपी के साथ इन्होंने गठबंधन कर लिया. ऐसी स्थिति में इस सियासी समीकरण में आरजेडी भारी दिखता है. बिहार में सवर्ण जातियां लगभग 17 फीसद हैं. 

आरजेडी में परंपरा रही है नेताओं का गुणगान कर पद पाने की
  
बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर अपने नेता तेजस्वी यादव की बड़ाई में तेजस्वी बिहार का नारा देने वाले पहले नेता नहीं हैं. इससे पहले बिहार में  लालू चालीसा लिखा गया था.1990 के दशक में तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद की शान में ब्रह्मदेव आनंद पासवान ने 'लालू चालीसा' लिखी थी. तब आलोचकों ने उसे चाटुकारिता की पराकाष्ठा कहा था लेकिन लालू ने ब्रह्मदेव आनंद पासवान को खुश होकर को राज्यसभा का सदस्य बना दिया था. चंद्रशेखर के 'तेजस्वी बिहार' को उसी कड़ी में देखा जा रहा है. 

ये भी पढ़ें :- लालू यादव की पार्टी को लेकर सुशील कुमार मोदी का बड़ा बयान, तेजस्वी से कहा- चंद्रशेखर को पार्टी से निकालें

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

जिन किसानों के लिए अमेरिका के सामने सीना तानकर खड़ा हुआ भारत, उनके लिए ट्रंप देंगे बुरी खबर, जानें क्या है पूरा मामला
जिन किसानों के लिए अमेरिका के सामने सीना तानकर खड़ा हुआ भारत, उनके लिए ट्रंप देंगे बुरी खबर, जानें क्या है पूरा मामला
बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव! कौन बना किस जिले का प्रभारी? पूरी लिस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल!
बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव! कौन बना किस जिले का प्रभारी? पूरी लिस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल!
Thailand Vs Indian Currency: थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल

वीडियोज

Lucknow Breaking: घुसपैठियों को लेकर यूपी ATS सक्रिय | CM Yogi | UP Politics | ABP News
Parliament में आज Rahul Gandhi शुरू करेंगे बहस की शुरूआत, जानिए किन मुद्दों पर होगी बात
Parliament में आज जानिए किन मुद्दों पर होगी बात, सरकार और विपक्ष के बीच हो सकती है जमकर बहस
SIR Controversy: 'आखिरी सांस तक कोई डिटेंशन कैंप नहीं बनेगा'- Mamata Banerjee | TMC | West Bengal
Goa Nightclub Fire Case: नाइट क्लब के मालिकों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी | Breaking

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
जिन किसानों के लिए अमेरिका के सामने सीना तानकर खड़ा हुआ भारत, उनके लिए ट्रंप देंगे बुरी खबर, जानें क्या है पूरा मामला
जिन किसानों के लिए अमेरिका के सामने सीना तानकर खड़ा हुआ भारत, उनके लिए ट्रंप देंगे बुरी खबर, जानें क्या है पूरा मामला
बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव! कौन बना किस जिले का प्रभारी? पूरी लिस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल!
बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव! कौन बना किस जिले का प्रभारी? पूरी लिस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल!
Thailand Vs Indian Currency: थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
थाईलैंड में कमाएंगे 1 लाख तो भारत लौटने पर हो जाएंगे कितने, जानें कैसे मालामाल कर सकता है ये खूबसूरत देश
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
द ग्रेट खली 8 साल बाद करेंगे रिंग में वापसी, जानिए कब? यहां मिलेगी हर डिटेल
अक्षय खन्ना की परफॉर्मेंस की फैन हुईं सौम्या टंडन, गोरी मैम ने की जमकर तारीफ
अक्षय खन्ना की परफॉर्मेंस की फैन हुईं सौम्या टंडन, गोरी मैम ने की जमकर तारीफ
Winter Health Tips: सर्दियों में स्ट्रेस बढ़ा रहा आपकी परेशानी तो न लें टेंशन, ये 5 फूड देंगे आपको राहत
सर्दियों में स्ट्रेस बढ़ा रहा आपकी परेशानी तो न लें टेंशन, ये 5 फूड देंगे आपको राहत
"हवा की तरह आई मौत और..." 100 की रफ्तार से कार ने सड़क किनारे शख्स को उड़ाया- दिल दहला देगा वीडियो
विदेश में करना है MBA तो इस पड़ोसी देश में हैं ये टॉप यूनिवर्सिटी, जानें कैसे मिलेगा दाखिला?
विदेश में करना है MBA तो इस पड़ोसी देश में हैं ये टॉप यूनिवर्सिटी, जानें कैसे मिलेगा दाखिला?
Embed widget