बिहार चुनाव में लागू होंगे ये 17 नए बदलाव, तारीखों का ऐलान करने से पहले CEC ज्ञानेश कुमार ने दी अहम जानकारी
Bihar Assembly Elections के तारीखों का ऐलान आज होगा. इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के चुनाव में 17 बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है.

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 6 अक्टूबर 2025, सोमवार को तारीखों का ऐलान हो जाएगा.इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इससे पहले राज्य में चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही चुनाव की तिथि की घोषणा की जाएगी.
कुमार ने यह भी कहा कि आगामी चुनाव में लागू की जाने वाली 17 नयी पहलें न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी.
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव को छठ महापर्व की तरह, लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में मतदाताओं को संबोधित करते हुए आभार व्यक्त किया और लोकतंत्र के प्रति सहयोग के लिए बधाई दी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि बिहार ने वैशाली से लोकतंत्र को जन्म दिया है और अब बिहार से ही चुनाव सुधार की नयी दिशा देश को मिलेगी.
उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जबकि योग्य मतदाता नामांकन की समाप्ति से दस दिन पहले तक फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भरकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं.
22 वर्षों के बाद मतदाता सूचियों का शुद्धिकरण
कुमार ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए दावा किया कि इससे 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची का 'शुद्धिकरण' संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि एसआईआर करवाना निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है.
इससे पहले बिहार में मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था.
कुमार ने कहा, 'हमारे पास 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) है. इस कार्य में 90,207 बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) ने सहयोग किया, जिससे 22 वर्षों के बाद मतदाता सूचियों का शुद्धिकरण संभव हो सका.'
उन्होंने बताया कि नयी पहलों में कुछ चुनाव पूर्व लागू होंगी, जबकि कुछ मतदान के दिन प्रभावी रहेंगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया गया है, लेकिन यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने एजेंट की नियुक्ति सुनिश्चित करें और वे फॉर्म 17सी तक मतदान प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहें.
मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200
उन्होंने बताया कि मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200 कर दी गई है ताकि लंबी कतारें न लगें. इसके साथ ही मतदाताओं को मोबाइल फोन साथ रखने की अनुमति भी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि आयोग ने इस बार कई नयी तकनीकी और पारदर्शिता बढ़ाने वाली पहलें शुरू की हैं, जो बिहार से शुरू होकर आगे पूरे देश में लागू की जाएंगी. इनमें प्रमुख है ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म’, जिसके माध्यम से मतदाताओं और उम्मीदवारों को चुनाव संबंधी सभी सूचनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी.
उन्होंने बताया, 'बूथ से 100 मीटर की दूरी तक प्रत्याशी अपने एजेंट को तैनात कर सकेंगे ताकि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे. इसके अतिरिक्त बिहार के सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत ‘वेबकास्टिंग’ की जाएगी, जिससे मतदान की पूरी प्रक्रिया पर वास्तविक समय में निगरानी संभव होगी.'
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि अब ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें दिखाई देंगी और क्रमांक (सीरियल नंबर) बड़े अक्षरों में होगा, जिससे मतदाताओं को पहचान में आसानी हो.
उन्होंने कहा कि यह कदम मतदाता सुविधा और पारदर्शिता दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण है.
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने अंत में बिहार के नागरिकों से अपील की कि वे मतदान के दिन इसे एक उत्सव की तरह मनाएं. उन्होंने कहा, 'छठ की तरह यह भी हमारे लोकतंत्र का पर्व है. सभी लोग आगे आएं, वोट डालें और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का सम्मान करें.'
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