Bihar AQI Today: हाजीपुर बना बिहार का सबसे प्रदूषित शहर, AQI 215 के साथ स्वास्थ्य के लिए खतरा
Bihar AQI: विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर देशभर में जागरूकता अभियान चल रहे हैं. हाजीपुर में AQI 215 सहित बिहार के कई शहर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचे. अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी.

विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस के मौके पर देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन इसी बीच कई शहरों में हवा की गुणवत्ता चिंता बढ़ाने वाली हो गई है. दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में सुबह से ही AQI 300 के पार दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है.
पॉल्यूशन की यह स्थिति अब बिहार तक भी असर दिखाने लगी है. हालांकि बिहार में हालात उतने गंभीर नहीं हैं, लेकिन कई शहर धीरे-धीरे डेंजर जोन की ओर बढ़ रहे हैं.
बिहार के सबसे प्रदूषित शहर में दर्ज हुआ हाजीपुर
मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, हाजीपुर बिहार का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां AQI 215 दर्ज किया गया. यह स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और खासकर बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक माना जाता है. वहीं राजधानी पटना में विधानसभा क्षेत्र के आसपास AQI 187 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में शामिल है. इसके अलावा अररिया में AQI 200, जबकि छपरा, गया, मुजफ्फरपुर और मुंगेर जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर 150 से ऊपर दर्ज किया गया. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन आंकड़ों के आधार पर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
पूरे राज्य में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान- डॉ. रागिनी मिश्रा
राज्य स्वास्थ्य समिति के पॉल्यूशन हेड डॉक्टर रागिनी मिश्रा ने बताया कि विश्व प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर पूरे राज्य में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों को सबसे पहले अपने शहर के AQI की जानकारी मोबाइल ऐप के जरिए लेते रहना चाहिए. यदि AQI 200 से अधिक हो, तो जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें. घर में उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें और खाना बनाते समय धुएं के निकास का पूरा ध्यान रखें, ताकि प्रदूषित हवा घर के अंदर न रुके.
कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है खराब हवा
डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि खराब हवा कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है, विशेषकर दमा और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा खतरा रहता है. इसी कारण पटना, मुजफ्फरपुर और गया को नेशनल लेवल पर 'पॉल्यूशन मॉनिटरिंग जोन' घोषित किया गया है और यहां ब्लॉक स्तर पर हेल्थ अवेयरनेस सेंटर बनाए गए हैं. इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को प्रदूषण से बचाव और स्वास्थ्य संबंधित सावधानियों की जानकारी दी जा रही है.
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दिसंबर के पहले सप्ताह में पॉल्यूशन का स्तर थोड़ा कम है, लेकिन ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर रोजाना बढ़ने लगा है. ऐसे में लोगों को जागरूक रहना होगा, क्योंकि खराब हवा पूरे राज्य के लिए स्वास्थ्य संकट बन सकती है.
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