सूर्यकुमार यादव नहीं..उस खिलाड़ी को दो टीम इंडिया की टी20 कप्तानी, सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान
भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि सूर्यकुमार यादव के जगह शुभमन गिल को टी20 में भारत का कप्तान बना देना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि गिल को सारे फॉर्मैट्स में कप्तान बनाया जाए.

Sourav Ganguly Gave Statement On T20Is Captaincy: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 5 मैचों की टी20 सीरीज का आज यानी 9 दिसंबर, 2025 से आगाज होने जा रहा है. सीरीज का पहला मैच कटक के बाराबती स्टेडियम में खेला जाएगा. इसी बीच टीम इंडिया की भविष्य के कप्तानी को लेकर पूर्व भारतीय कप्तान और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बड़ा बयान दिया है. सौरव का कहना है कि टी20 फॉर्मेट में फिलहाल टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव हैं, लेकिन उनके जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी दे देनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि अब शुभमन गिल को तीनों फॉर्मेट्स में कप्तान बनाया जाया.
स्प्लिट कैप्टेंसी पर दिया बयान
इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में स्प्लिट कैप्टेंसी चल रही हैं, लेकिन गिल को सभी फॉर्मेट में कप्तान बनाने की अब बातें सामने आ रही हैं. इसको लेकर अब पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी अपनी राय दी है. ईडन गार्डन्स में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जब गांगुली से टी20 कप्तानी को लेकर सवाल पूछे गए. तो उन्होंने जवाब दिया कि ‘मेरी नजर में शुभमन गिल को सभी फॉर्मेट्स में कप्तान होना चाहिए.’
इंग्लैंड दौरे पर शुभमन ने किया था शानदार प्रदर्शन
सौरव ने तीन महीने पहले इंग्लैंड दौरे का बात करते हुए कहा कि ‘तीन महीने पहले इंग्लैंड में शुभमन का प्रदर्शन देखिए. जब रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के टीम में ना होने के बावजूद एक युवा टीम को आगे से लीड करना शानदार था. वो बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों में सोने कीं तरह चमके थे.’
आगे उन्होंने याद दिलाया कि उस टेस्ट सीरीज में शुभमन ने 750 रन बनाए और चार शतक भी जड़े थे. दबाव में, विदेशी सरजमीं पर इतनी परिपक्वता दिखाने वाले युवा कप्तान को सिर्फ कुछ असफलताओं के आधार पर कम नहीं आंकना चाहिए. गांगुली ने सुझाव दिया कि शुभमन को कप्तानी में समय देना चाहिए और फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को जल्दबाजी में फैसला नहीं लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘एक तिमाही में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी की अगले तीन महीनों में आलोचना करना सही नहीं है. कप्तान के तौर पर उन्हें पर्याप्त समय और समर्थन देना चाहिए. इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस भरोसा और धैर्य चाहिए.’
Source: IOCL
















