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कैसे तय होता है सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन के बीच अंतर? ये रहा जवाब
Superfast and Express Trains: भारत में ज्यादातर लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं. क्या आपको पता है कि सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन के बीच कैसे अंतर तय किया जाता है.
कैसे तय होता है सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेन के बीच अंतर?
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भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट indianrailways.gov.in के मुताबिक, अगर किसी ट्रेन की अप और डाउन दोनों दिशाओं की गति बड़ी लाइन पर 55 किलोमीटर प्रतिघंटा और छोटी लाइन पर 45 किलोमीटर प्रतिघंटा है तो उसे सुपरफास्ट ट्रेन माना जाएगा.
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यानी उस ट्रेन पर सुपरफास्ट सर चार्ज लगाया जाएगा. हालांकि, कुछ सुपरफास्ट ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रतिघंटा कि रफ्तार से भी चलती हैं. इन ट्रेनों की खासियत होती है कि इनमें स्टॉपेज बहद कम होते हैं. यानी ये एक या दो स्टेशनों पर ही रुकती हैं.
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भारत में एक्सप्रेस ट्रेन सेमी प्रायोरिटी वाली रेल सेवा है. इन ट्रेनों की स्पीड लगभग 55 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड जहां मेल-ट्रेन से ज्यादा होती है, वहीं सुपरफास्टट ट्रेन से कम.
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एक्सप्रेस ट्रेन, मेल ट्रेन की तरह जगह-जगह और हाल्ट नहीं करती. एक्सप्रेस ट्रेन का नाम ज्यादातर किसी शहर, जगह या किसी व्यक्ति के नाम से हो सकती है. इसमें जनरल ,स्लीपर और एसी कोच लगे होते हैं.
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एक सीमित प्रति घंटे की औसत रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस ट्रेन कहते हैं. इस ट्रेन की मदद से प्रमुख शहरों के साथ लंबी दूरी को कवर किया जाता है. मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की स्पीड सुपरफास्ट से कम होती है.
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यह ट्रेन करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. यह जगह-जगह रुकती है. कई बार तो हाल्ट पर भी रुक जाती है. ज्यादातर मेल-एक्सप्रेस का नंबर 123... से शुरू होता है.
Published at : 08 Nov 2023 09:04 PM (IST)
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