बीमारी के बाद उन्हें बताया गया कि उनके पास जीने के लिए महज़ दो साल और बचे हैं. ये जानते हुए भी हॉकिंग पढ़ाई करने के लिए केम्ब्रिज चले गए और अपने काम से अलबर्ट आइंस्टाइन जैसा कद हासिल कर लिया.