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Fast Charging है खतरनाक? जानिए आपके स्मार्टफोन पर क्या होता है असर
Fast Charging: आजकल स्मार्टफोन कंपनियाँ बैटरी चार्जिंग को लेकर नए-नए दावे करती हैं. कोई कंपनी कहती है कि उसका फोन 15 मिनट में 50% चार्ज हो जाएगा तो कोई ब्रांड 30 मिनट में फुल चार्ज का वादा करता है.
आजकल स्मार्टफोन कंपनियाँ बैटरी चार्जिंग को लेकर नए-नए दावे करती हैं. कोई कंपनी कहती है कि उसका फोन 15 मिनट में 50% चार्ज हो जाएगा तो कोई ब्रांड 30 मिनट में फुल चार्ज का वादा करता है. इस तकनीक को ही फास्ट चार्जिंग कहा जाता है. तेज़ चार्जिंग से समय तो बचता है लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि कहीं यह तकनीक उनके स्मार्टफोन की बैटरी के लिए नुकसानदायक तो नहीं. आइए समझते हैं कि फास्ट चार्जिंग असल में कैसे काम करती है और इसका असर बैटरी की सेहत पर कितना पड़ता है.
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फास्ट चार्जिंग का काम करने का तरीका सामान्य चार्जिंग से अलग होता है. साधारण चार्जर बैटरी को धीरे-धीरे पावर सप्लाई करता है जबकि फास्ट चार्जर हाई वोल्टेज और ज्यादा करंट बैटरी को भेजता है. इसका फायदा यह होता है कि कम समय में ज्यादा चार्ज बैटरी तक पहुंच जाता है. यही वजह है कि आप देखते हैं कि नया फोन 10-15 मिनट में आधे से ज्यादा चार्ज हो जाता है. लेकिन इस तेज़ी की एक कीमत भी होती है और वह है बैटरी के अंदर अतिरिक्त गर्मी का पैदा होना.
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बैटरी का सबसे बड़ा दुश्मन गर्मी होती है. जब बैटरी पर ज्यादा दबाव पड़ता है और वह लगातार ओवरहीट होती है तो उसकी लाइफ धीरे-धीरे कम होने लगती है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो हर लिथियम-आयन बैटरी की चार्जिंग-साइकिल होती है यानी कितनी बार वह चार्ज और डिस्चार्ज हो सकती है. फास्ट चार्जिंग के कारण बैटरी ज्यादा गर्म होती है और यह चार्जिंग-साइकिल सामान्य से जल्दी पूरी हो जाती है. नतीजा यह निकलता है कि समय से पहले बैटरी की क्षमता घटने लगती है और फोन पहले जैसा बैकअप नहीं देता.
Published at : 05 Oct 2025 09:28 AM (IST)
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