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क्या 120W चार्जिंग आपकी बैटरी की दुश्मन? जानिए फास्ट चार्जर से क्यों फोन जल्दी हो जाता है खराब
Fast Charger: आज के स्मार्टफोन ऐसे बन चुके हैं कि कुछ ही मिनटों में फुल चार्ज हो जाते हैं लेकिन इस सुविधा की एक बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है.
आज के स्मार्टफोन ऐसे बन चुके हैं कि कुछ ही मिनटों में फुल चार्ज हो जाते हैं लेकिन इस सुविधा की एक बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ती है. 120W जैसी अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग भले ही समय बचाती हो लेकिन यह बैटरी पर इतने ज्यादा दबाव के साथ काम करती है कि उसकी उम्र सामान्य स्थिति की तुलना में कहीं तेज़ी से कम होने लगती है. यही वजह है कि लोग यह सवाल पूछने लगे हैं कि क्या तेज़ चार्जिंग का फायदा बैटरी की हेल्थ के नुकसान से कहीं बड़ा है?
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स्मार्टफोन कंपनियां लगातार दावा कर रही हैं कि उनके फोन कुछ ही मिनटों में 0 से 100% चार्ज हो सकते हैं. सुनने में यह फीचर बेहद आकर्षक लगता है लेकिन असलियत यह है कि इतनी तेज चार्जिंग बैटरी को अतिरिक्त गर्मी और उच्च वोल्टेज के संपर्क में ला देती है. लगातार ऐसी चार्जिंग का इस्तेमाल बैटरी को जल्दी डिग्रेड करता है और कुछ महीनों बाद ही यूज़र बैकअप में गिरावट महसूस करने लगते हैं.
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120W चार्जिंग बैटरी के भीतर मौजूद लिथियम-आयन सेल्स को तेज़ी से करंट पहुंचाती है, जिससे इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन अपेक्षा से कहीं तेज हो जाते हैं. यह प्रक्रिया बैटरी में अनावश्यक तनाव पैदा करती है और तापमान बढ़ाती है. गर्मी लिथियम बैटरियों की सबसे बड़ी दुश्मन मानी जाती है जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है सेल्स की क्षमता घटती है और उनकी उम्र कम होती जाती है. कई परीक्षणों में यह पाया गया है कि हाई-हीट कंडीशन में इस्तेमाल की गई बैटरियों का डैमेज सामान्य इस्तेमाल की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत अधिक होता है.
Published at : 25 Nov 2025 03:14 PM (IST)
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