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In Pics: कोटा के ये भवन और स्मारक आज भी देते हैं आजादी की जंग की गवाही, तस्वीरों के जरिए जानें इतिहास
1857 की क्रांति में कोटा के क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उस जमाने में देश में कोटा ही एक मात्र स्थान था, जहां स्वतंत्रता सैनानियों का छह माह तक राज रहा.
(कोटा के ये भवन और स्मारक आज भी देते हैं आजादी की जंग की गवाही)
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पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में कोटा में भी आजादी की गाथाएं हैं. कोटा में आजादी के आंदोलन के गवाह आज भी अडिग रूप से खडे हुए हैं. यहां के भवन, हवेलियां और स्मारक आज भी इतिहास को संजोए हुए हैं और युवाओं को आजादी के पर्व का सही मायनों में अर्थ समझा रहे हैं. कोटा में रामपुरा कोतवाली हो या पीपल का पेड़ या फिर महात्मा गांधी स्कूल, राजभवन रोड स्थित हवेली, कलक्ट्रेट चौराहा, कैथूनीपोल दरवाजा, ज्वाला तोप, घास की बागर, सूरजपोल दरवाजा आजादी की जंग के साक्षी बनकर खड़े हुए हैं.
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1857 की क्रांति में कोटा के क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उस जमाने में देश में कोटा ही एक मात्र स्थान था, जहां स्वतंत्रता सैनानियों का छह माह तक राज रहा. आजादी के लिए क्रांतिकारियों के साथ जनता का भी पूरा योगदान रहा.
Published at : 13 Aug 2022 03:01 PM (IST)
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