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उज्जैन को अनहोनी या प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए महाष्टमी पर विशेष महापूजा, जानिए पूरी परंपरा
Ujjain News: उज्जैन में किसी प्रकार की अनहोनी या प्राकृतिक आपदा ना आए, इसको लेकर साल में दो बार नगर पूजा का आयोजन होता है. एक बार यह पूजा प्रशासन की ओर से तो दूसरी बार अखाड़ा परिषद की ओर से होता है.
उज्जैन में महाष्टमी पर विशेष महापूजा
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महामंडलेश्वर साध्वी मंदाकिनी की ओर से चौबीस खंबा माता मंदिर की पूजा अर्चना की गई. मंदिर के पुजारी अभिषेक गुरु ने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य के कार्यकाल से ही यहां पर नगर पूजा की जाती है.
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यह नगर पूजा एक बार जिला प्रशासन की ओर से की जाती है जब कलेक्टर खुद पूजा करने के लिए आते हैं, जबकि दूसरी बार यह पूजा अखाड़ा परिषद की ओर से होती है.
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चौबीस खंभा माता मंदिर से शुरू की गई पूजा 27 किलोमीटर का भ्रमण करते हुए शहर के सभी मंदिरों तक पहुंचती है.
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इस पूजा के पीछे उद्देश्य है कि उज्जैन में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या अनहोनी ना हो, इसी के चलते सम्राट विक्रमादित्य ने नगर पूजा की शुरुआत की थी जो आज भी जारी है.
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वर्ष में भर में आने वाली दो छोटी और बड़ी नवरात्रि पर्व के दौरान चौबीस खंबा माता मंदिर से नगर भोग का आयोजन होता है.
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यह नगर भोग शहर के सभी मंदिरों तक पहुंचता है. सभी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अखाड़ा परिषद की ओर से मंगलवार को पूजा अर्चना की गई.
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कोरोना के समय जब उज्जैन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी और यहां पर लगातार पॉजिटिव मरीज मिल रहे थे, उस समय उज्जैन के पंडित और पुरोहितों के साथ-साथ ज्योतिषाचार्य की सलाह पर तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर पूजा का आयोजन किया था. यह पहला मौका था जब नवरात्रि के अलावा नगर पूजा की गई थी.
Published at : 16 Apr 2024 08:50 PM (IST)
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