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Nipah Virus के बारे में ये बातें जानना है बेहद जरूरी
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![ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183024/nipah-virus0-4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![निपाह वायरस दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक है जिससे कई घातक बीमारियां तक हो सकती हैं.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183020/nipah-virus0-8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
निपाह वायरस दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में से एक है जिससे कई घातक बीमारियां तक हो सकती हैं.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![निपाह वायरस में H1N1 वायरस की तरह बदलने की प्रवृत्ति है. उदाहरण के तौर पर अगर इस साल आप स्वाइन फ्लू या इंफ्लूएंजा वैक्सीनेशन लेते हैं तो इस टीके का प्रभाव अगले साल तक नहीं होगा. क्योंकि अगले साल तक वायरल का स्वरूप बदल जाएगा. इसी वजह से ये जानलेवा वायरस है.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183017/nipah-virus0-7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
निपाह वायरस में H1N1 वायरस की तरह बदलने की प्रवृत्ति है. उदाहरण के तौर पर अगर इस साल आप स्वाइन फ्लू या इंफ्लूएंजा वैक्सीनेशन लेते हैं तो इस टीके का प्रभाव अगले साल तक नहीं होगा. क्योंकि अगले साल तक वायरल का स्वरूप बदल जाएगा. इसी वजह से ये जानलेवा वायरस है.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![इस बार निपाह वायरस के दौरान इंसानों से इंसानों में फैलने के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में इस पर रिसर्च की जा रही है कि ये कैसे फैल रहा है. क्या ये इंफेक्टिेड व्यक्ति के संपर्क में आने से ऐसा हो रहा है? या फिर इंफेक्टिड व्यक्ति को जिस सोर्स के जरिए ये इंफेक्शन हुआ है उसकी वजह से ये बीमारी फैल रही है?फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183014/nipah-virus0-6.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस बार निपाह वायरस के दौरान इंसानों से इंसानों में फैलने के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में इस पर रिसर्च की जा रही है कि ये कैसे फैल रहा है. क्या ये इंफेक्टिेड व्यक्ति के संपर्क में आने से ऐसा हो रहा है? या फिर इंफेक्टिड व्यक्ति को जिस सोर्स के जरिए ये इंफेक्शन हुआ है उसकी वजह से ये बीमारी फैल रही है?फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![जूनोटिक बीमारियों के दौरान यदि वायरस से ग्रसित जानवर को उचित एंटीबायोटिक्स दे दी जाएं तो इंसानों में इस बीमारी के फैलने के खतरे को कम किया जा सकता है.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183009/nipah-virus0-5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जूनोटिक बीमारियों के दौरान यदि वायरस से ग्रसित जानवर को उचित एंटीबायोटिक्स दे दी जाएं तो इंसानों में इस बीमारी के फैलने के खतरे को कम किया जा सकता है.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![Nipah virus इंफेक्शन जूनोटिक डिजीज का बेहतर उदाहरण है. जहां जानवरों में होने वाली बीमारियों इंसानों में ट्रांसफर हो जाती हैं.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183005/nipah-virus0-3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Nipah virus इंफेक्शन जूनोटिक डिजीज का बेहतर उदाहरण है. जहां जानवरों में होने वाली बीमारियों इंसानों में ट्रांसफर हो जाती हैं.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![निपाह वायरस दिमाग को प्रभावित करता है. निपाह वायरस से ग्रसित व्यक्ति को बुखार, शरीर में कमजोरी और सुस्ती रहती है.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22183001/nipah-virus0-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
निपाह वायरस दिमाग को प्रभावित करता है. निपाह वायरस से ग्रसित व्यक्ति को बुखार, शरीर में कमजोरी और सुस्ती रहती है.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![निपाह वायरस दुनियाभर में जहां भी रिपोर्ट हुआ है इससे 75 से 100 प्रतिशत तक मृत्यु होने की रिपोर्ट भी दर्ज हुई है.फोटोः गूगल फ्री इमेज](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/05/22182958/nipah-virus0-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
निपाह वायरस दुनियाभर में जहां भी रिपोर्ट हुआ है इससे 75 से 100 प्रतिशत तक मृत्यु होने की रिपोर्ट भी दर्ज हुई है.फोटोः गूगल फ्री इमेज
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![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion