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भारत की समुद्री-सीमाएं होंगी अभेद्य, 1.05 लाख करोड़ के 10 रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी
देश की समुद्री-सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए भारतीय नौसेना अब समुद्र में बारूदी-सुरंग बिछाने की तैयारी में जुटी है. वो इसलिए ताकि दुश्मन की पनडुब्बी या जहाज देश की समुद्री सीमा में घुसपैठ न कर पाएं.
इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए खास मूर्ड-माइन्स सहित कुल 10 ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसकी कुल कीमत करीब 1.05 लाख करोड़ है.
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गुरुवार (3 जुलाई, 2025) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने मूर्ड-माइन्स सहित नौसेना के लिए माइन काउंटर मेजर वेसल और अंडरवाटर यूएवी की खरीद को मंजूरी दी है. मूर्ड माइन्स को समंदर की तलहटी में एक चेन के जरिए बांध दिया जाता है. जैसे ही दुश्मन का कोई जंगी जहाज, पनडुब्बी या फिर अंडरवाटर यूएवी इनके करीब आने की कोशिश करते हैं या फिर इनके ऊपर से गुजरते है, बारूदी सुरंग की तरह ये फट जाती है और दुश्मन को बड़ा नुकसान हो जाता है.
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इसी तरह से दुश्मन की समुद्री-सीमा में दाखिल होते वक्त, अगर कोई बारूदी सुरंग बिछी होती है तो उसे माइन काउंटर मेजर वेसल (जहाज) के जरिए क्लीयर कर दिया जाता है. हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में साफ नहीं किया है कि इस तरह के कितने माइन्स-स्वीपर (जहाज), नौसेना के लिए खरीदे जाएंगे, लेकिन माना जा रहा है कि इनकी संख्या 12 होगी. इन माइन-स्वीपर जहाज की कुल कीमत 44,000 करोड़ हो सकती है.
Published at : 03 Jul 2025 08:46 PM (IST)
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