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बॉडी में दिखें ये 5 सिग्नल तो समझ जाएं हो गई Vitamin E की कमी, तुरंत करें डॉक्टर को कॉल
विटामिन-ई हमारी बॉडी के लिए एक बहुत इंपॉर्टेंट एंटीऑक्सीडेंट है, जो सेल्स को डैमेज होने से बचाता है.
आमतौर पर विटामिन-ई की कमी बहुत कम लोगों में होती है, लेकिन अगर इसे इग्नोर किया जाए तो कई हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं. यहां 5 ऐसे लक्षण दिए गए हैं, जिन्हें आपको बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए.
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मांसपेशियों में कमजोरी: विटामिन-ई मसल्स को हेल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है. इसकी कमी से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जो मसल सेल्स को डैमेज कर सकता है. अगर आपको बिना किसी वजह के मसल पेन, वीकनेस या थकान महसूस हो रही है, खासकर हाथों और पैरों में, तो यह विटामिन-ई डिफिशिएंसी का साइन हो सकता है.
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कोऑर्डिनेशन एंड बैलेंस (तालमेल और संतुलन की कमी): विटामिन-ई नर्वस सिस्टम के सही फंक्शनिंग के लिए भी जरूरी है. जब इसकी कमी होती है, तो नर्व्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे अटैक्सिया (कोऑर्डिनेशन लॉस) हो सकता है. आपको चलने में प्रॉब्लम, बैलेंस बनाने में दिक्कत, या बार-बार गिरने जैसी शिकायतें हो सकती हैं.
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विजन प्रॉब्लम (आंखों के शेप संबंधी समस्याएं): विटामिन-ई आंखों की हेल्थ के लिए भी इंपॉर्टेंट है, खासकर रेटिना के लिए. इसकी कमी से रेटिना की सेल्स डैमेज हो सकती हैं, जिससे विजन ब्लर हो सकती है, या कुछ केसेस में नाइट ब्लाइंडनेस भी हो सकती है. लॉन्ग-टर्म डेफिशिएंसी गंभीर विजन लॉस का कारण बन सकती है.
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नंबनेस एंड टिंगलिंग (हाथ-पैरों में सुन्नता और झुनझुनी): यह पेरिफेरल न्यूरोपैथी का साइन है, जो विटामिन-ई डिफिशिएंसी से हो सकती है. नर्व्स डैमेज होने के कारण आपको अपने हाथों, पैरों, उंगलियों या पैर की उंगलियों में नंबनेस, टिंगलिंग (झनझुनी), या बर्निंग सेंसेशन फील हो सकती है.
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कमजोर इम्यून सिस्टम: विटामिन-ई इम्यूनिटी को बूस्ट करने में हेल्प करता है, जो बॉडी को इन्फेक्शन्स से लड़ने में मदद करती है. इसकी कमी से आपका इम्यून सिस्टम वीक हो सकता है, जिसके कारण आपको बार-बार जुकाम, फ्लू और दूसरे इन्फेक्शन्स हो सकते हैं. घाव ठीक होने में भी ज्यादा टाइम लग सकता है.
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अगर आपको इनमे से कोई भी लक्षण फील होता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें. विटामिन-ई से भरपूर फूड्स जैसे नट्स (बादाम, अखरोट), सीड्स (सूरजमुखी के बीज), लीफी ग्रीन वेजिटेबल्स (पालक) और वेजिटेबल ऑइल्स को अपनी डाइट में शामिल करके इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है. सप्लीमेंट्स भी एक ऑप्शन हो सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बिना उन्हें न लें.
Published at : 15 Jul 2025 11:40 AM (IST)
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