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कैसे काम करती है सोलर जियो इंजीनियरिंग, इससे सूरज की रोशनी रोकना कितना खतरनाक?
What Is Solar Geoengineering: वैज्ञानिक अब धरती को खुद ठंडा करने की कोशिश में लगे हैं. सूरज की किरणों को वापस स्पेस में भेजकर ग्लोबल वार्मिंग कम करने का आइडिया किस हद तक कामयाब होगा, यह सवाल है.
धरती तेजी से गर्म हो रही है और प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. इसी कारण दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार उपाय ढूंढ रहे हैं कि कैसे ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सके. एक नया और चर्चा में चल रहा तरीका है सोलर जियोइंजीनियरिंग, जिसे लेकर वैज्ञानिक काफी पॉजिटिव सोच रहे हैं. इस तकनीक के जरिए सूरज की किरणों को पृथ्वी तक आने से रोक कर, या उन्हें वापस स्पेस में भेज कर, धरती को ठंडा किया जा सकता है, लेकिन सूरज की रोशनी को रोकना कितना खतरनाक है, चलिए जानें.
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सोलर जियोइंजीनियरिंग का विचार नया नहीं है. सबसे पहले 1992 में यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इसका जिक्र किया था.
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वैज्ञानिकों ने ध्यान दिया कि ज्वालामुखी विस्फोटों के समय जब वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) भर जाता है, तो पृथ्वी थोड़ी ठंडी हो जाती है. इसी विचार से इंसानों के लिए आर्टिफिशियल तरीकों का अध्ययन शुरू हुआ.
Published at : 25 Oct 2025 08:17 AM (IST)
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