एक्सप्लोरर

Al Qaeda Chief Killed: अल-जवाहिरी की ये आदत बनी मौत की वजह, महीनों की प्लानिंग के बाद US ने मार गिराया

Ayman-Al-Jawahiri Killed: अमेरिकी अधिकारियों ने अल-जवाहिरी की पनाहगाह का मॉडल तैयार कर उसे व्हाइट हाउस (White House) के ‘सिचुएशन रूम’ में राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के सामने पेश किया था.

Al Qaeda Chief Killed In US Drone Attack: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul,) में रविवार को अमेरिकी ड्रोन (US Drone) से दागी गई दो हेलफायर मिसाइलों (Hellfire Missiles) ने अल-कायदा (Al Qaeda) के सरगना अयमान अल-जवाहिरी (Ayman Al-Zawahiri) का खात्मा कर दिया. इस बड़े एंटी टेररिस्ट अभियान (Anti Terrorist Campaign) की तैयारी कई महीने पहले ही कर ली गई थी. अमेरिकी अधिकारियों ने अल-जवाहिरी की पनाहगाह का मॉडल तैयार कर उसे व्हाइट हाउस (White House) के ‘सिचुएशन रूम’ में राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के सामने पेश किया था. उन्हें पता था कि अल-जवाहिरी अक्सर अपने घर की बालकनी में बैठता है.

जवाहिरी की जीवनशैली का खाका तैयार किया गया
एक अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया विभाग ने अल-जवाहिरी की जीवनशैली का विस्तृत खाका तैयार किया था और जब मिसाइलों ने उड़ान भरी, तब अधिकारियों को यकीन था कि अल-कायदा सरगना बालकनी में होगा. अमेरिका ने रविवार सुबह 6.18 बजे काबुल के सुदूर इलाके में मिसाइलें दागकर अल-जवाहिरी का काम तमाम कर दिया.

पिछले साल इस घर में पहुंचा था जवाहिरी
हक्कानी नेटवर्क की मदद से अल-जवाहिरी का परिवार पिछले साल इस घर में तब रहने पहुंचा था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान की हुकूमत अपने हाथों में ले ली थी. अल-जवाहिरी अमेरिका में 9/11 को हुए आतंकी हमले की साजिश रचने वालों में शामिल था. मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील के खुफिया अभियान में ओसामा बिना लादेन के मारे जाने के बाद वह अल कायदा का चीफ बना था.

प्लानिंग में लगा महीनों का समय
अधिकारियों ने बताया कि अल-जवाहिरी के ठिकाने का सुराग मिलना काफी नहीं था, उसकी पहचान की पुष्टि करना, भीड़भाड़ वाले इलाके में ऐसे हमले की योजना बनाना, जिसमें आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे और यह सुनिश्चित करना कि अभियान से अमेरिका की अन्य प्राथमिकताओं को झटका न लगे, बेहद अहम था और यही कारण है कि इसमें महीनों का समय लग गया.

तैयारियों में शामिल थी ये बातें
अधिकारियों के मुताबिक, अभियान की तैयारियों में विश्लेषकों की स्वतंत्र टीम का अल-जवाहिरी की मौजूदगी की संभावनाओं को लेकर समान निष्कर्ष पर पहुंचना, आसपास मौजूद लोगों को होने वाले खतरे के आकलन के लिए इमारत की संरचना का अध्ययन करना और मॉक अभियान चलाना और बाइडेन  के सलाहकारों की आम सहमति हासिल करना शामिल था.

बाइडेन  ने सुराग को ‘स्पष्ट एवं भरोसेमंद’ करार दिया. उन्होंने कहा, “मैंने इस सटीक हमले को अधिकृत किया, जो अल-जवाहिरी को युद्ध के मैदान से हमेशा के लिए हटा देगा. इस अभियान की योजना बहुत ध्यान और सख्ती से बनाई गई थी, ताकि आम नागरिकों को नुकसान पहुंचने का जोखिम कम से कम हो जाए.”

सिर्फ बालकनी को निशाना बनाने का निर्देश
अधिकारियों के मुताबिक, बाइडेन  ने अधिकारियों को ऐसे हवाई हमले का खाका तैयार करने का निर्देश दिया था, जिसमें दोनों मिसाइलें सिर्फ अल-जवाहिरी की पनाहगाह की बालकनी को निशाना बनाएं और इमारत के अन्य हिस्सों में मौजूद लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अल-जवाहिरी को ‘कई मौकों पर लंबी अवधि के लिए’ उस बालकनी में देखा गया था, जहां उसकी मौत हुई.

अधिकारी के अनुसार, ‘कई स्तर पर मिली खुफिया जानकारियों’ ने अमेरिकी विश्लेषकों को उसकी मौजूदगी के प्रति आश्वस्त किया. उन्होंने बताया कि अप्रैल की शुरुआत में दो शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों को खुफिया जानकारी से अवगत कराया गया. इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति बाइडेन  को संबंधित जानकारी दी.

अधिकारी के मुताबिक, मई और जून में चुनिंदा सरकारी अधिकारियों के एक समूह ने खुफिया जानकारियों का विश्लेषण किया और बाइडेन को सुझाए जाने वाले उपाय खंगाले. उन्होंने बताया कि एक जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने पांच दिवसीय यूरोप दौरे से लौटे बाइडेन  को व्हाइट हाउस के ‘सिचुएशन रूम’ में प्रस्तावित हवाई हमले से अवगत कराया.

अधिकारी के अनुसार, इस बैठक में बाइडेन ने अल-जवाहिरी की पनाहगाह का मॉडल देखा और वहां अल-कायदा सरगना की मौजूदगी के निष्कर्षों को लेकर सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हैंस और राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र की निदेशक क्रिस्टी अबिजेद से कुछ सवाल किए.

अधिकारी के मुताबिक, बाइडेन ने अधिकारियों को हमले से अमेरिकी नागरिक मार्क फ्रेरिक्स और दो दशक लंबे युद्ध में अमेरिका की मदद करने वाले अफगान नागरिकों की सुरक्षा को होने वाले खतरे पर विचार करने का निर्देश भी दिया. फ्रेरिक्स दो साल से अधिक समय से तालिबान के कब्जे में हैं.

अधिकारी के अनुसार, इस बीच अमेरिकी अधिवक्ताओं ने हमले की कानूनी वैधता पर अध्ययन किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अल-कायदा का नेतृत्व करने और आतंकी संगठन द्वारा किए गए हमलों को समर्थन देने के कारण अल-जवाहिरी कानूनी रूप से वैध निशाना है.

बाइडेन को 25 जुलाई अभियान का अंतिम ब्योरा दिया गया
अधिकारी के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण के चलते व्हाइट हाउस में पृथकवास में रह रहे बाइडेन  को 25 जुलाई को अभियान का अंतिम ब्योरा दिया गया. उन्होंने बताया कि अभियान में शामिल सभी अधिकारियों ने इसे मंजूरी देने की जबरदस्त वकालत की. इसके बाद बाइडेन ने मौका मिलते ही हमले को अंजाम देने की स्वीकृति दे दी.

अधिकारियों के अनुसार, रविवार सुबह बाइडेन जब एक बार फिर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण व्हाइट हाउस में पृथकवास में थे, तब यह मौका आया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को अभियान की शुरुआत से लेकर इसके अंत तक की जानकारी दी गई. हालांकि, इसकी सूचना सार्वजनिक करने में 36 घंटे लगे.

दरअसल, अमेरिकी अधिकारी पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते थे कि अल-जवाहिरी मारा जा चुका है. हक्कानी नेटवर्क और तालिबान द्वारा अल-जवाहिरी की पनाहगाह में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने तथा उसके परिवार को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के बाद अधिकारियों को पूरी तरह से यकीन हो गया कि अल-जवाहिरी मारा गया है.

अधिकारियों के मुताबिक, तालिबान की इस कवायद का मकसद काबुल में अल-जवाहिरी की मौजूदगी के तथ्य को छिपाना था.

तालिबान को नहीं लगी हमले की भनक
विश्लेषकों के अनुसार, पिछले साल अफगानिस्तान से सैन्य बलों की पूर्ण वापसी के बाद क्षेत्र में सक्रिय आतंकी संगठनों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने और हमले करने के लिए अमेरिका के पास बहुत कम ठिकाने बचे थे. ऐसे में फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अमेरिकी ड्रोन ने मिसाइलों (Missiles) के साथ कहां से उड़ान भरी और क्या उन देशों को इस अभियान की जानकारी थी, जहां से यह ड्रोन होकर गुजरा. अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, तालिबान को हमले की भनक तक नहीं लगने दी गई थी.

एबीसी को दिए इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा कि हमले के दौरान जमीन पर कोई भी वर्दीधारी कर्मी मौजूद नहीं था और ‘हम इस अभियान को लेकर तालिबान (Taliban) के साथ सीधे संवाद कर रहे हैं.’

इसे भी पढ़ेंः-

Al-Zawahiri Killed: अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया अलकायदा का चीफ अल-जवाहिरी, बाइडेन बोले- अब इंसाफ हुआ

Al-Zawahiri Killed: सऊदी अरब ने अल-कायदा चीफ के खिलाफ अमेरिका के एक्शन का किया समर्थन, जवाहिरी को लेकर ये कहा

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

PM Modi का सपना साकार करेंगे बनारस के लोग? देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट | Loksabha Election 2024Mumbai Breaking News: आंधी ने मचाया कोहराम, होर्डिंग गिरने से 8 की मौत और 100 से ज्यादा घायलLoksabha Election 2024: देश में चौथे चरण की 96 सीटों पर आज 63 फीसदी मतदान | BJP | Congress | TmcSushil Modi Pass Away in Delhi AIIMS : बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी का निधन

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
TVS iQube: टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
Chabahar Port: भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
Kidney Transplant: क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
Embed widget