पाकिस्तान में क्यों नहीं बन पा रही है सरकार? बिलावल भुट्टो के बयान से समझ आ रहा है पूरा मामला
Pakistan Election Results 2024: 8 फरवरी के चुनाव में खंडित जनादेश के बाद केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए दोनों पक्षों के बीच सत्ता-साझा करने के मुद्दे पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पायी है.
Pakistan Election Results 2024: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने मंगलवार (20 फरवरी 2024) को कहा कि यदि कोई अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं है तो उन्हें पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनने में गतिरोध की आशंका है, जो देश के राजनीतिक परिदृश्य में गहराती दरार का संकेत देता है. बिलावल की यह टिप्पणी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के शीर्ष नेताओं के बीच सोमवार (19 फरवरी 2024) को हुई नवीनतम दौर की बातचीत बेनतीजा समाप्त होने के एक दिन बाद आयी है.
8 फरवरी के चुनाव में खंडित जनादेश के बाद केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए दोनों पक्षों के बीच सत्ता-साझा करने के मुद्दे पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पायी है. पीपीपी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति, सीनेट का अध्यक्ष और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष जैसे प्रमुख संवैधानिक पदों की कथित तौर पर मांग कर रही है. ‘डॉन’ अखबार की खबर के अनुसार, बिलावल ने उच्चतम न्यायालय में पत्रकारों से कहा कि पीपीपी और वह अपने रुख पर अड़े हुए हैं और इस बात पर जोर दिया वह इसे किसी भी कीमत पर नहीं बदलेंगे.
उन्होंने कहा, “अगर कोई और अपना रुख बदलना चाहता है, तो प्रगति हो सकती है. यदि वे इसे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, तो मुझे गतिरोध की आशंका है.'' उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र या संसदीय प्रणाली को कोई लाभ नहीं होगा. पूर्व विदेश मंत्री बिलावल (35) ने कहा, 'अगर मैं पीएमएल-एन को वोट दूंगा तो मैं वह अपनी शर्तों पर दूंगा.’’ वहीं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी ने 2018 के आम चुनाव को पाकिस्तान के इतिहास में एक 'काला अध्याय' करार देते हुए कहा कि देश का चुनावी इतिहास सही नहीं रहा है और धांधली और हेरफेर के आरोपों के बीच यह स्थिति कई दशकों से बनी हुई है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने संसद के ऊपरी सदन में कहा, ‘‘2018 में, नवाज शरीफ जेल में थे, उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई. क्या तब यह उचित था? और उस समय कोई हंगामा नहीं हुआ था. ’’देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवार और पीएमएल-एन का नेतृत्व करने वाले शरीफ को 2017 में उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें 10 साल जेल की सजा भी सुनाई थी.
दोषसिद्धि और सजा के कारण वह आम चुनाव नहीं लड़ सके. सिद्दीकी ने सीनेट में कहा कि यह सच है कि पाकिस्तान का चुनावी इतिहास सही नहीं रहा है और यह स्थिति कई दशकों से बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई किसी भी सरकार को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया. उन्होंने कहा कि ‘‘हमारे चुनावों का इतिहास वास्तव में सबसे अच्छा नहीं है. लेकिन हम 2018 के चुनावों के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?’’उन्होंने कहा, ‘‘2018 के आम चुनावों में जो कुछ भी हुआ वह हमारे देश के इतिहास में एक काला अध्याय है. तब बहुत कुछ हुआ था और शायद इस साल भी वही हुआ.
और अगर वही दोबारा हुआ, तो यह पूरे देश में हुआ, सिर्फ पंजाब या बलूचिस्तान में नहीं. यह खैबर पख्तूनख्वा में भी हुआ. 'वर्ष 2018 के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और अन्य पार्टियों के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाई. पीएमएल-एन चुनाव हार गई थी. जेयूआई-एफ के साथ खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की हालिया बातचीत का उल्लेख करते हुए इरफान ने सवाल किया कि पूर्व प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली पार्टी अन्य दलों के साथ बातचीत क्यों नहीं करती है.
उन्होंने कहा, '... अब समय आ गया है कि टकराव की राजनीति खत्म हो. 'निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव में नेशनल असेंबली की 93 सीट जीती और इनमें से अधिकतर इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित थे. पीएमएल-एन ने 75 सीट जीती, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 54 सीट के साथ तीसरे स्थान पर रही. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान ने 17 सीट जीती है.
यह भी पढ़ें- सिखों को मुसलमान समझ कर दिया पोस्ट, अब बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने मांगी माफी
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets