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King Charles III: ब्रिटेन के नए सम्राट किंग्स चार्ल्स -III की कैसे होगी ताजपोशी? जानें इसके बारे में सबकुछ

Britain's New King Charles III: दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) के बड़े बेटे चार्ल्स अब ब्रिटेन के राजसिंहासन पर बैठेंगे. राजा के प्रतीक के तौर पर ओर्ब (Orb) और राजदंड (Sceptre) मिलेंगे.

King Charles III The New Monarch: जिस पल महारानी एलिजाबेथ II (Queen Elizabeth-II) ने आखिरी सांस ली, उसी वक्त तुरंत ब्रिटेन का ताज बगैर किसी समारोह के उसके वारिस को चला गया. यह वारिस और कोई नहीं, बल्कि महारानी के सबसे बड़े बेटे प्रिंस ऑफ वेल्स (Prince Of Wales) चार्ल्स हैं, जो अब किंग चार्ल्स III ( King Charles III) हो गए हैं. उनकी ताजपोशी (Crowned King) से पहले कई व्यावहारिक और परंपरागत कदम हैं, जिनसे गुजरकर उनके सिर पर ब्रिटेन का ताज सजेगा. यहां हम उन्हीं कदमों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. 

वह अब क्या कहलाएंगे ?

वह अब प्रिंस चार्ल्स नहीं, बल्कि किंग चार्ल्स -III (King Charles III) कहलाएंगे. यह नए सम्राट के शासन में लिया गया पहला फैसला था, जब उन्होंने एक राजा के तौर पर अपना नाम चार्ल्स चुना था. वह चार्ल्स, फिलिप (Philip), ऑर्थर (Arthur) और जार्ज (George) चार नामों में से कोई एक नाम चुन सकते थे. ब्रिटिश राजशाही में वह अकेले नहीं है, जिनकी उपाधि या पदवी (Title) बदली है. उनके साथ ही ब्रिटिश परिवार के सदस्यों के टाइटल बदलेंगे. इस कड़ी में अगला नाम उनके बेटे प्रिंस विलियम (Prince William) का है.

बदली शाही परिवार की उपाधियां

किंग चार्ल्स-III के बाद उनके बेटे प्रिंस विलियम ( Prince William) राजसिंहासन के उत्तराधिकारी हैं. उन्हें वेल्स के राजकुमार (Prince Of Wales) की पदवी मिलनी है, लेकिन प्रिंस विलियम को ये पदवी सहज ही नहीं मिल जाएगी. ये पदवी उन्हें उनके पिता के जरिए दी जाएगी. गौरतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1969 में अपने बेटे चार्ल्स को प्रिंस ऑफ वेल्स का ताज पहनाया था. उन्हें अपने पिता की ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल (Duke of Cornwall) की उपाधि विरासत में मिली है.

विलियम और केट (Kate)  को अब ड्यूक (Duke) एंड डचेस (Duchess) ऑफ कॉर्नवाल और कैम्ब्रिज (Cambridge) की उपाधि दी गई है. यही नहीं चार्ल्स की पत्नी कैमिला (Camilla) भी अब एक नई उपाधि से जानी जाएंगी. वह रानी कंसोर्ट (Queen Consort) कही जाएंगी. यह उपाधि सम्राट की पति या पत्नी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. गौरतलब है कि लेडी डायना स्पेंसर की मौत के बाद तत्कालीन प्रिंस चार्ल्स ने कैमिला पार्कर बाउल्स से शादी की थी.

औपचारिक समारोह

उम्मीद है कि शनिवार को चार्ल्स को आधिकारिक तौर पर राजा घोषित किया जाएगा. यह ऐतिहासिक समारोह  लंदन (London) के सेंट जेम्स पैलेस (St James's Palace) में औपचारिक निकाय (Ceremonial Body) के सामने होगा, जिसे पदग्रहण परिषद (Accession Council) के तौर पर जाना जाता है. यह प्रिवी काउंसिल (Privy Council) के सदस्यों से बना है. इसमें वरिष्ठ सांसदों का एक समूह, अतीत और वर्तमान के साथियों के साथ ही कुछ वरिष्ठ सिविल सेवकों, राष्ट्रमंडल उच्चायुक्तों (Commonwealth) और लंदन के लॉर्ड मेयर शामिल होते हैं. इस समारोह में  सैद्धांतिक तौर से 700 से अधिक लोगों को शिरकत करने का हक है, लेकिन संक्षिप्त सूचना (Short Notice) को देखते हुए वास्तविक संख्या बहुत कम होने की संभावना है.

साल 1952 में अंतिम पदग्रहण परिषद में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया था. इस बैठक में महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु की घोषणा प्रिवी काउंसिल के लॉर्ड प्रेसिडेंट करेंगे. इस वक्त इस पद पर एमपी पेनी मोर्डंट (Penny Mordaunt) है. यही नहीं एक सार्वजनिक उद्घोषणा को भी जोर से पढ़ा जाएगा. इस उद्घोषणा के शब्द बदल सकते हैं, लेकिन यह परंपरागत रूप से प्रार्थनाओं और प्रतिज्ञाओं की एक सीरीज रही है, जो पिछले सम्राट की तारीफ करती है और नए के लिए समर्थन का वचन देती है. इस उद्घोषणा पर प्रधानमंत्री, कैंटरबरी के आर्कबिशप और लॉर्ड चांसलर सहित कई वरिष्ठ हस्तियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं. इन सभी समारोहों की तरह एक नए युग के संकेत के रूप में, जो कुछ बदला, जोड़ा या नया किया गया हो, उस पर ध्यान दिया जाएगा.

राजा का पहला एलान

इसके बाद राजा (King) प्रिवी काउंसिल के साथ पदग्रहण परिषद की दूसरी बैठक में शिरकत करता है. हालांकि यह एक ब्रिटिश सम्राट के शासन की शुरुआत में शपथ ग्रहण नहीं है जैसा कि अमेरिका के राष्ट्रपति या कुछ अन्य राष्ट्राध्यक्षों के शपथ ग्रहण करने की शैली होती है. शपथ ग्रहण के बजाय नया राजा एक एलान करता है. ये एलान 18 वीं शताब्दी की शुरुआत से चली आ रही परंपरा की तरह ही किया जाता है. इसमें ब्रिटिश सम्राट चर्च ऑफ स्कॉटलैंड (Church Of Scotland) को संरक्षित करने की शपथ लेता है. इसी तरह से इस बार भी फनफेयर ट्रम्पेटर्स (Fanfare Of Trumpeters) की धूमधाम के बाद चार्ल्स को नया राजा घोषित करने के लिए एक सार्वजनिक घोषणा की जाएगी.

"भगवान राजा को सुरक्षित रखे"

सेंट जेम्स पैलेस में फ्रायरी कोर्ट (Friary Court) के ऊपर एक बालकनी से यह घोषणा गार्टर किंग ऑफ आर्म्स (Garter King of Arms) के नाम से जाने जाने वाला एक अधिकारी करेगा. ये अधिकारी पुकारेगा, "भगवान राजा को सुरक्षित रखे" और ये 1952 के बाद पहली बार होगा जब "भगवान राजा को सुरक्षित रखे" शब्दों के साथ राष्ट्रगान भी बजाया जाएगा. हाइडे पार्क (Hyde Park,), लंदन के टॉवर और नौसेना के जहाजों से तोपों की सलामी दी जाएगी और फिर चार्ल्स को राजा घोषित करने की घोषणा एडिनबर्ग (Edinburgh), कार्डिफ़ और बेलफ़ास्ट में पढ़ी जाएगी.

राज्याभिषेक

पदग्रहण का प्रतीकात्मक उच्च बिंदु राज्याभिषेक होगा, जब चार्ल्स को औपचारिक तौर पर ताज पहनाया जाएगा. जरूरी तैयारी न होने की वजह से चार्ल्स के राज्याभिषेक के तुरंत बाद ताजपोशी की रस्म होने की संभावना नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले उनकी मां की ताजपोशी के वक्त भी ऐसा हुआ था. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय फरवरी 1952 में सिंहासन पर बैठी, लेकिन ताज उन्हें जून 1953 में पहनाया गया. बीते 900 वर्षों से वेस्टमिंस्टर एबी में राज्याभिषेक (Westminster Abbey) किया जा रहा है. यहां ताज पहनने वाले पहले सम्राट विलियम द कॉन्करर (William The Conqueror ) थे. उनके बाद यहां ताज पहने वाले चार्ल्स 40 वें सम्राट होंगे. यह एक एंग्लिकन (Anglican) धार्मिक सेवा है, जिसे कैंटरबरी के आर्कबिशप करते हैं.

आर्कबिशप समारोह के चरमोत्कर्ष पर सेंट एडवर्ड्स क्राउन (St Edward's Crown) को चार्ल्स के सिर पर रखेंगे. ये एक ठोस सोने का  1661 का बना मुकुट या ताज है. यह लंदन के टॉवर में क्राउन ज्वेल्स का केंद्रबिंदु है और केवल राज्याभिषेक के वक्त ही सम्राट इसे पहनता है. इसका वजन 2.23 किग्रा यानी लगभग 5 एलबीएस (LBS) है. शाही शादियों से अलग राज्याभिषेक एक राज्य के समारोह अवसर होता है, इसलिए सरकार इसके लिए भुगतान करती है और मेहमानों की सूची तय करती है. संतरे, गुलाब, दालचीनी, कस्तूरी और एम्बरग्रीस के तेलों का इस्तेमाल कर संगीत, वाचन और नए सम्राट का अभिषेक करने की रस्म होगी. पूरी दुनिया के सामने नए सम्राट राज्याभिषेक की शपथ लेंगे. इस भव्य और बड़े समारोह के दौरान वह अपनी नई भूमिका के प्रतीक के तौर पर ओर्ब (Orb) और राजदंड (Sceptre) प्राप्त करेंगे और कैंटरबरी के आर्कबिशप (Archbishop) उनके सिर पर ठोस सोने का मुकुट रखेंगे.

राष्ट्रमंडल के प्रमुख

ब्रिटेन के किंग बनने के साथ ही चार्ल्स 56 स्वतंत्र देशों और 2.4 अरब लोगों के संघ राष्ट्रमंडल (Commonwealth) के प्रमुख बन गए हैं. इनमें  यूके (UK) के साथ ही 14 देशों के लिए राजा ही राज्य का प्रमुख होता है. राष्ट्रमंडल के रूप में जाने जाने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, एंटीगुआ और बारबूडा, बहामास, बेलीज, कनाडा, ग्रेनेडा, जमैका, पापुआ न्यू गिनी, सेंट क्रिस्टोफर और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, न्यूजीलैंड, सोलोमन द्वीप समूह, तुवालु शामिल है.

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