मणिपुर में म्यांमार से आ रहे हथियार, पूरे भारत में हो रही सप्लाई! सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
मणिपुर पुलिस ने हथियार तस्करी के मामले का जून महीने के अंतिम सप्ताह में खुलासा किया था और चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था. आरोपियों में UNLF-P का परियोजना सचिव सिनम सोमेंद्रो मेइती भी शामिल था.

Security Agencies in Manipur: मणिपुर में सुरक्षा एजेंसियों ने इंफाल घाटी स्थित उग्रवादी समूह (VBIG) के एक वरिष्ठ नेता की गिरफ्तारी के बाद म्यांमार से हथियार तस्करी गिरोह के खिलाफ जांच तेज कर दी है, क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव होने की संभावना है.
जांच मुख्य रूप से प्रतिबंधित संगठनों के कुछ सदस्यों की ओर से कथित तौर पर बंदूक के सहारे चलाए जा रहे अभियान पर केंद्रित है, जो म्यांमार से हथियार प्राप्त करते हैं और कथित तौर पर जाली दस्तावेजों और पंजीकृत बंदूक स्टोर की मदद से उन्हें पूरे भारत में वितरित करते हैं.
मणिपुर पुलिस ने मामले में चार लोगों को किया गिरफ्तार
इस मामले को मणिपुर पुलिस ने जून के अंतिम सप्ताह में उजागर किया था और परिणामस्वरूप चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार आरोपियों में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF-P) का स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल और परियोजना सचिव सिनम सोमेंद्रो मेइती उर्फ रिचर्ड भी शामिल था.
रिचर्ड की गिरफ्तारी UNLF-P की शांति प्रक्रियाओं में मौजूदा भागीदारी के एक चिंताजनक पहलू को उजागर करती है. हालांकि, संगठन ने नवंबर 2023 में संघर्ष विराम की घोषणा की थी और मणिपुर सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए, लेकिन उसके बाद से उस पर आत्मसमर्पण वार्ता में देरी करने का आरोप लग रहा है.
खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुई कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि समूह संघर्ष विराम समझौते के अनुसार अपने हथियार जमा करने या अपने सदस्यों की सूची उपलब्ध कराने में विफल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि समूह के कुछ सदस्य जबरन वसूली और अन्य असामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं. वर्तमान मामले में कार्रवाई 24 जून को इंफाल क्षेत्र में हथियार तस्करी-बिचौलिया गिरोह के बारे में विशिष्ट खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुई.
म्यांमार-भारत की खुली सीमा से विदेशी हथियारों की हुई तस्करी
अधिकारियों ने कहा, “हथियार तस्करी बिचौलिया गिरोह का खुलासा होने के बाद नोंगथोम्बम गन हाउस के मालिक लानचेनबा नोंगथोम्बम को हिरासत में लिया गया, जो बिना उचित दस्तावेज के आग्नेयास्त्र बेचते पाया गया और उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस रिचर्ड तक पहुंची.”
उन्होंने कहा, “विदेश निर्मित हथियारों को कथित तौर पर प्रतिबंधित UNLF-P के कुछ सदस्यों की ओर से म्यांमार से भारत में खुली सीमा के माध्यम से तस्करी कर लाया गया था और फिर इन्हें फर्जी कागजात का उपयोग करके पूरे देश में बेचा गया.
अधिकारियों ने कहा कि पंजाब में ऐसा ही एक मामला पहले ही सामने आ चुका है और देश के अन्य हिस्सों में इन विदेशी हथियारों की बिक्री का पता लगाने के लिए जांच जारी है. यह शस्त्र अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है. शस्त्र अधिनियम की धारा 10 के तहत भारत में विदेशी हथियारों के आयात पर प्रतिबंध है, सिवाय खिलाड़ियों के मामले में और वह भी पूर्व मंजूरी के बाद.
पुलिस ने रिचर्ड के घर पर की छापेमारी
पुलिस ने रिचर्ड के आवास पर छापेमारी के दौरान चार अमेरिका निर्मित रिवॉल्वर और पिस्तौल, एक ऑस्ट्रियाई निर्मित रिवाल्वर, एक भारतीय पिस्तौल, विदेशी हथियारों के लिए कई राउंड गोला-बारूद, एक वायरलेस सेट और उच्च-स्तरीय मोबाइल फोन बरामद किए.
पुलिस ने कहा कि रिचर्ड का आपराधिक इतिहास दो दशक पुराना है और उसे पहली बार 1995 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
मेघालय पुलिस ने 2006 में रिचर्ड को किया था गिरफ्तार
उसने कहा कि उसे 2005 और 2006 में भी जबरन वसूली और UAPA के उल्लंघन के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. सितंबर, 2006 में उसे शिलांग में मेघालय पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था.
पुलिस के मुताबिक, रिचर्ड जुलाई 2003 में कथित तौर पर गुवाहाटी और बांग्लादेश के बीच उग्रवादियों को लाने-ले जाने और अवैध वित्तीय लेनदेन में शामिल था, जिसमें मुद्रा को टका और डॉलर में परिवर्तित करना भी शामिल था.
अधिकारियों ने कहा, “गिरफ्तारी के बाद रिचर्ड ने कथित तौर पर UNLF-P से संबद्धता और उसके साथ चल रही संघर्ष विराम वार्ता का फायदा उठाने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उस पर हथियार तस्करी गिरोह में शामिल होने का संदेह है, जिसके राष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं.”
ख पाम्बेई के नेतृत्व में, UNLF-P ने 2023 में इतिहास रचा, जब वह इम्फाल घाटी में पहला मणिपुरी सशस्त्र समूह बना, जिसने सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए और हिंसा को छोड़ने का संकल्प लिया. सुरक्षा अधिकारियों ने हालांकि, उस समय चेतावनी दी थी कि यह पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बढ़ते दबाव से बचने के लिए समूह की ओर से किया गया प्रयास हो सकता है, क्योंकि इसके कई कार्यकर्ता कथित तौर पर जबरन वसूली और अन्य गतिविधियों में संलिप्त हैं.
मणिपुर में जातीय संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोगों की गई जान
कुकी आबादी वाले क्षेत्रों के निकट शिविर स्थापित करने की UNLF की मांग को सुरक्षा एजेंसियों की ओर से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें जातीय संघर्ष बढ़ने की आशंका थी. राज्य में जातीय संघर्ष की वजह से अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं.
संघर्ष विराम समझौते के बावजूद, 2024 में कुछ घटनाओं से संकेत मिले कि UNLF-P के सदस्य बिना किसी दंड के हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं और यहां तक कि सुरक्षा बलों से हथियार भी लूट रहे हैं.
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Source: IOCL























