GlobE क्या है और कौन हैं इसके मेंबर, जिसका इंडिया भी बना हिस्सा? जानें, इसकी पूरी ABCD
India Joined GlobE: ग्लोबई नेटवर्क एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है, जहां दुनिया भर की एजेंसियां बेस्ट प्रैक्टिस, आपराधिक खुफिया जानकारी को साझा करती हैं.
GlobE Member India: वैश्विक भ्रष्टाचार रोधी मंच ग्लोबई की 15 सदस्यीय संचालन समिति में भारत शामिल हुआ है. गुरुवार (26 सितंबर) को चीन के बीजिंग में अलग-अलग चरणों के मतदान के बाद भारत नाम शामिल हुआ. इस बात की जानकारी सीबीआई की ओर से दी गई.
अधिकारियों ने बताया कि बीजिंग में भ्रष्टाचार निरोधक कानून प्रवर्तन प्राधिकारों के वैश्विक परिचालन नेटवर्क (GlobE Network) की पांचवीं पूर्ण मीटिंग के दौरान कई चरणों की वोटिंग के बाद भारत को संचालन समिति के लिए चुना गया. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “संचालन समिति के सदस्य के रूप में भारत भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिक निभाएगा. भ्रष्टाचार से निपटने में भारत की विशेषज्ञता और अनुभव अहम होगा.”
क्या है ग्लोबल नेटवर्क संचालन समिति?
ग्लोबई नेटवर्क अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और भारत की भागीदारी सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के उसके प्रयासों को मजबूत करेगी. भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क (ग्लोबई नेटवर्क) जी20 की पहल थी.
भारत ने 2020 में इस पहल का समर्थन किया था. ग्लोबई नेटवर्क को आधिकारिक तौर पर 3 जून 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष सत्र (यूएनजीएएसएस) में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया गया था.
ग्लोबई नेटवर्क एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है, जहां दुनिया भर की एजेंसियां बेस्ट प्रैक्टिस, आपराधिक खुफिया जानकारी को साझा करती हैं, रणनीति विकसित करती हैं और भ्रष्टाचार से निपटने के सामान्य उद्देश्य में सहायता करती हैं.
कौन-कौन हैं इसके सदस्य?
ग्लोबई नेटवर्क का नेतृत्व करने के लिए संचालन समिति में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 13 सदस्य हैं. इसमें कुल 121 सदस्य देश और 219 सदस्य प्राधिकार शामिल हैं. भारत की ओर से गृह मंत्रालय (एमएचए) ग्लोबई नेटवर्क के लिए केंद्रीय प्राधिकरण है और भारत से सीबीआई और ईडी इस नेटवर्क के सदस्य प्राधिकरण हैं.
कब शुरू हुआ ये प्लेटफॉर्म?
इस प्लेटफॉर्म को आधिकारिक तौर पर जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष सत्र में एक खास कार्यक्रम के दौरान किया गया था.
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