अब विदेश में भी 'मेक इन इंडिया'... इस देश में खुला भारत का पहला हथियारों का प्लांट; राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन
Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मोरक्को के कैसाब्लांका में TASL की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना होना पूरे इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है.

‘आत्मनिर्भर भारत’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ का सपना साकार होने लगा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (23 सितंबर, 2025) को उत्तरी अफ्रीकी देश मोरक्को में टाटा कंपनी के पहले मिलिट्री व्हीकल प्लांट का उद्घाटन किया. यह भारत का किसी दूसरे देश में पहला हथियारों का प्लांट है.
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफतौर से कहा, ‘भारत के लिए आत्मनिर्भरता का अर्थ अलगाव नहीं, बल्कि ऐसी सामरिक-स्वतंत्रता विकसित करना है, जिससे अपने राष्ट्र की स्वतंत्र रूप से रक्षा कर सकें और साथ ही वैश्विक सहयोगियों के साथ जुड़ाव भी बनाए रखें.’
भारत के रक्षा उद्योग के लिए बड़ा कदम: राजनाथ
राजनाथ सिंह ने मोरक्को के कैसाब्लांका में टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (TASL) की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना को एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने कहा, ‘यह महज (टाटा) कंपनी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे इंडियन डिफेंस इंडस्ट्री के लिए एक उल्लेखनीय कदम है.’ TASL, टाटा संस की सब्सिडरी कंपनी है. समारोह के दौरान, मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लौदियी भी मौजूद थे.

APC में होगी 12 सैनिकों की बैठने की क्षमता
करीब 20 हजार स्क्वायर मीटर में फैली ये फैसिलिटी एडवांस आर्मर्ड कॉम्बैट व्हीकल (APC) का निर्माण करेगी, जिसे व्हैप (WHAP) के नाम से भी जाना जाता है. व्हैप व्हीकल को टाटा ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के साथ मिलकर तैयार किया है. करीब 26 टन की इस मिलिट्री व्हीकल में ड्राइवर और कमांडर सहित कुल 12 सैनिकों की बैठने की क्षमता है. सीमावर्ती और दूर-दराज के उबड़-खाबड़ इलाकों में सैनिक इन गाड़ियों में बेहद तेजी से मूवमेंट कर सकते हैं.
ATGM और 30-40 mm की बंदूक से लैस होगा WHAP
खास बात यह है कि व्हैप एक एंफीबियस व्हीकल है, जो नदी-नालों को भी आसानी से पार कर सकती है. रेगिस्तान में भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. मोरक्को में इस्तेमाल होने के चलते इन व्हैप व्हीकल्स को अफ्रीका के रेगिस्तान में कड़े परीक्षणों से गुजरना पड़ा है.
इन बख्तरबंद गाड़ियों पर गोली या फिर गोला बारूद का असर नहीं होता है. व्हैप में 30-40 एमएम की गन लगी हैं और ATGM यानी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस किया जा सकता है. ट्रूप कमांडर खास टरेट के जरिए व्हीकल की छत से दुश्मन पर फायरिंग कर सकता है.
भारत और मोरक्को के लिए फायदेमंद साबित होगा यह प्लांट- राजनाथ
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह प्लांट इस क्षेत्र और ग्लोबल मार्केट के बीच एक पुल भी है. क्योंकि मोरक्को को गेटवे-टू-अफ्रीका और यूरोप, मिडिल ईस्ट और अटलांटिक महासागर के बीच एक स्वाभाविक कड़ी के रूप में पहचाना जाता है.’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘दूसरी तरफ भारत अपनी बढ़ती हुई औद्योगिक और प्रौद्योगिकी बेस के साथ आज एक उभरता हुआ हब ऑफ इनोवेशन और ग्लोबल साउथ का एक विश्वसनीय साझेदार बनकर उभरा है. इसलिए यह प्लांट, दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद होगा.’
‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक विद फ्रेंड्स’ पर भी कर रहे काम- राजनाथ
उन्होंने कहा, ‘भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के साथ हम ‘मेक विद फ्रेंड्स’ के ऊपर भी काम कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत विश्वसनीय साझेदारों के साथ मिलकर हम कटिंग-एज टेक्नोलॉजी का विकास और उत्पादन करेंगे और अंततः मेक फॉर द वर्ल्ड के अंतर्गत हमारे इनोवेशन का लाभ पूरी दुनिया के साथ साझा हो पाएगा.’
सितंबर, 2024 में मोरक्को के रक्षा मंत्रालय ने टीएएसएल से व्हैप बख्तरबंद गाड़ियों को बनाने का करार किया था. व्हैप व्हीकल को टाटा ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर तैयार किया है.
चीन से सटी सीमा पर भारतीय सेना WHAP का करती है इस्तेमाल
भारतीय सेना इन व्हैप गाड़ियों को पहले से ही चीन सीमा से सटे पूर्वी लद्दाख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर सैनिकों के मूवमेंट के लिए इस्तेमाल करती है. इसके अलावा सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) भी जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ इन विशेष गाड़ियों का इस्तेमाल कर रही है.
करार के मुताबिक, 18 महीने के भीतर टीएएसएल प्लांट से गाड़ियों का निर्माण शुरू होना था, लेकिन कंपनी ने तीन महीने पहले ही उत्पादन शुरू कर दिया है.. इस प्लांट से हर साल 100 व्हैप गाड़ियों का निर्माण हो सकता है. उसके बाद माना जा रहा है कि प्लांट से अफ्रीका के दूसरे देशों को ये गाड़ियों एक्सपोर्ट की जाएगी.
राजनाथ सिंह 22-23 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर मोरक्को पर हैं. यह भारतीय रक्षा मंत्री की उत्तरी अफ्रीकी देश की पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग को रेखांकित करती है.
Source: IOCL























