एक्सप्लोरर

श्रीलंका-पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश की इकोनॉमी क्यों हुई खस्ताहाल?

कोविड महामारी के वक्त भी जिस देश की अर्थव्यवस्था नहीं डगमगाई अब वो बांग्लादेश IMF से मदद की गुहार लगा रहा है. हजारों लोग वहां सड़कों पर हैं और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनकी सरकार के विरोध में हजारों लोग राजधानी ढाका में सड़कों पर उतर आए हैं. देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव, जीवन जीने की बढ़ती लागत और नाजुक अर्थव्यवस्था के बीच प्रदर्शनकारियों ने चुनाव कराने की मांग की है. अब इस देश में हालात ये हैं कि बढ़ते आर्थिक संकट का फायदा यहां का प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) उठा रहा है. वो मौजूदा अवामी लीग सरकार और उसकी नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है.

बीएनपी वहां लगातार सरकार विरोधी रैलियों को अंजाम दे रहा है. वो इस संकट को एक दशक से अधिक वक्त से बांग्लादेशी राजनीति पर हावी शेख हसीना को उखाड़ फेंकने के मौके की तरह देख रहा है. ये एक ऐसे देश की हालत है जो कोविड महामारी के दौरान भी विकास के पथ पर बढ़ता रहा था और जिसने विकास की इस रफ्तार को बनाए रखा था. 

अब यहां हालात इतने बिगड़ गए हैं कि बांग्लादेश को अपनी हिचकोले खाती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए बीते महीने नवंबर में अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (IMF) से मदद की गुहार लगानी पड़ी. आईएमएफ ने इस देश की मदद के लिए हामी भर दी है और वो इस देश को 4.5 बिलियन डॉलर (लगभग 37,000 करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद मुहैया कराने जा रहा है. 

गौर करने वाली बात ये है कि ह एक ऐसी अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उलटफेर है जो पिछले दो दशकों में अर्थव्यवस्था का बेहतर दौर देख चुकी है. खास तौर से 2017 के बाद से मजबूत आर्थिक विकास के दम पर 2020 में बांग्लादेश प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत को भी पछाड़ चुका है. आखिर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के साथ ऐसा क्या गलत हुआ कि ये पाकिस्तान और श्रीलंका की तरह आर्थिक दिवालियेपन की कगार पर पहुंच गया है?

कम निर्यात ने डाला विदेशी मुद्रा भंडार पर असर

दरअसल सही राह चल रही बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने में रूस-यूक्रेन युद्ध ने अहम भूमिका निभाई है. इस देश से होने वाला निर्यात इस जंग की भेंट चढ़ चुका है. पश्चिमी देशों की मांग में गिरावट आने से देश का निर्यात सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित है. इसने सीधे तौर पर बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ा है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार गारमेंट निर्यात में गिरावट और प्रेषण प्रवाह यानी भेजे जाने वाली रकम की वजह से तेजी से घट रहा है. 2011 से 2021 तक बांग्लादेश का कुल विदेशी ऋण 238 फीसदी से बढ़कर 91.43 बिलियन डॉलर पहुंच गया है. गौरतलब है कि इस समान अवधि के दौरान श्रीलंका के ऋण में 119 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और ये अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ. 

बांग्लादेश में नवंबर में मुद्रास्फीति (महंगाई) की दर लगभग 9 फीसदी पर पहुंच गई. इस वजह से यहां हजारों बेरोजगार गारमेंट वर्कर्स अब भुखमरी के कगार पर हैं. 2022 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद मांगने वाला बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान के बाद हाल ही में तीसरा दक्षिण एशियाई देश बन गया है.

बिजली कटौती और ईंधन की कीमतों ने बिगाड़ा गणित

जब कोविड-19 महामारी की मार पड़ी तब अपनी बड़ी युवा आबादी के साथ बांग्लादेश दक्षिण एशिया में आर्थिक विकास में सबसे आगे था. अब देश की गरीब से अमीर बनने की कहानी को इसकी राजनीतिक और आर्थिक अराजकता कमजोर कर रही है. हाल ही में बिजली कटौती और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से वहां सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का जोर है.

ये बांग्लादेश के गहरे आर्थिक संकट में फंसने का सीधा संकेत है. यहां पर बांग्लादेश, ब्रिटेन की तरह यह दावा कर सकता है कि उसका मौजूदा आर्थिक संकट बाहरी कारकों की वजह से उपजा है. लेकिन जब वैश्विक मांग में गिरावट और कोविड-19 महामारी की वजह से डिमांड-सप्लाई चेन में रुकावट आई और अब यूक्रेन में रूस के युद्ध ने बांग्लादेश की उन परेशानियों को बढ़ा दिया जो 2020 से भी बहुत पहले से मौजूद थीं.

अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ बांग्लादेश स्टडीज के अध्यक्ष अली रियाज के मुताबिक, "यह एक संकट की स्थिति है जो सरकार के कुप्रबंधन से पैदा हुई है. भले ही कोविड संकट नहीं था, भले ही यूक्रेन संकट नहीं था, बांग्लादेश पहले से ही अपने आर्थिक संकट को लेकर बेपरवाह रवैया अपनाए हुए है."

 ये जगजाहिर है कि रूस-यूक्रेन जंग ने दुनिया भर में ऊर्जा की लागत को बढ़ा दिया है, लेकिन यह बांग्लादेश के ऊपर खास तौर पर बहुत भारी पड़ा है. 

दरअसल ये देश अपने कुल तेल और परिष्कृत ईंधन (Refined Fuels) का लगभग 77 फीसदी हिस्सा आयात करता है. देश में बेकाबू हुआ ईंधन संकट बिजली को चालू रखने की क्षमता पर गहरा असर डाल रहा है. इसके चलते पूरे देश में 10 -10 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है जो यहां के लोगों को अंधेरे में रहने को मजबूर कर रही है. बाकी आग में घी डालने का काम सरकार ने खुद कर डाला है.

पावर ग्रिड को चालू रखने के लिए बांग्लादेशी सरकार ने कई प्राइवेट बिजली देने वालों से कॉन्ट्रैक्ट किया. मांग के मुताबिक बिजली न देने पर भी  सरकार इन लोगों को सब्सिडी देती है और भुगतान करती है. दरअसल इस साल ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल बांग्लादेश की जारी की गई एक रिपोर्ट में तीनों बिजली संयंत्र परियोजनाओं की जांच में भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं. 

आईएमएफ की मदद कैसे आएगी काम?

आईएमएफ के मुताबिक,"बांग्लादेश ने मदद की मांग यूक्रेन में चल रहे युद्ध की वजह से आने वाली आर्थिक बाधाओं से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने और जलवायु परिवर्तन से पैदा हुए व्यापक आर्थिक खतरों के प्रबंधन करने जैसे कामों के लिए की है." लेकिन बांग्लादेश के मदद मांगने का केवल एक ये ही मकसद नहीं है. दरअसल भले ही बांग्लादेश इन तात्कालिक चुनौतियों से निपट लें, फिर भी लंबे वक्त से चल रहे जलवायु परिवर्तन, निजी निवेश जैसे मुद्दों को हल करना भी उसके लिए जरूरी है. 

इनमें जलवायु परिवर्तन से पैदा होने जा रही आर्थिक अस्थिरता का खतरा भी शामिल है. आईएमएफ का कहना है कि बांग्लादेश को साल 2031 तक कम विकसित देश और मध्यम-आय के दर्जे वाला लक्ष्य हासिल करने के लिए कई बातों पर ध्यान देना होगा. इसके लिए उसका अपनी बीती कामयाबियों को आधार बनाकर विकास की रफ्तार बढ़ाने, निजी निवेश को आकर्षित करने, उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने जैसे मुद्दों पर काम करना जरूरी है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget