यूपी: यमुना एक्सप्रेस-वे पर 'टाइम-बूथ' करेंगे रफ्तार को काबू, समय से पहले पहुंचे तो लगेगा जुर्माना
राजमार्ग के उद्घाटन की तिथि नौ अगस्त, 2012 से लेकर 31 जनवरी, 2018 तक इस एक्सप्रेस वे पर लगभग 5,000 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और इन दुर्घटनाओं में 8,191 जिंदगियां जा चुकी हैं. यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जरिए सामने आई है.

ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार चलना अब मुश्किल होगा. इसे काबू करने का प्राधिकरण ने फिलहाल तो नायाब फार्मूला खोज लिया है. एक्सप्रेस-वे पर 'टाइम-बूथ' लगाए जाएंगे. साथ ही प्राधिकरण जीरो पॉइंट पर रफ्तार काबू रखने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने जा रहा है.
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया, "टाइम-बूथ ग्रेटर नोएडा के पास जीरो पॉइंट पर और आगरा में एग्जिट पॉइंट पर लगाया जा रहा है. कोई भी गाड़ी जैसे ही एक्सप्रेस-वे पर पहुंचेगी, गाड़ी कैमरे में कैद हो जाएगी. यही गाड़ी जब टोल-प्लाजा पर पहुंचेगी तब वहां पहुंचने पर उसकी टाइमिंग पता चल जाएगी. अगर वक्त से पहले वाहन पहुंच गया तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा."
बता दें कि यह इंतजाम सोमवार तड़के जीरो पॉइंट पर हुए एक हादसे के बाद किया जा रहा है. हादसे में एक महिला सहित चार लोगों की मौत हो गई थी.
अरुणवीर सिंह ने बताया, "कोई भी गाड़ी अगर तेज रफ्तार से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ेगी तो 'टाइम-बूथ' गाड़ी की स्पीड कंट्रोल करने के लिए काफी होगा. अभी गाड़ियों के ड्राइवर लाख समझाने के बाद स्पीड पर कंट्रोल करने को राजी नहीं हैं. ड्राइवरों के इस अड़ियल रवैये के चलते ही आए-दिन यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों में बेकसूर मारे जा रहे हैं."
यमुना एक्सप्रेस-वे पर बोर्ड लगाने पर आने वाले खर्च को जेपी इंफ्राटेक वहन करेगा. इससे पहले ग्रेटर नोएडा की एक सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भी सीईओ अरुणवीर सिंह से मिलकर इस बारे में सकारात्मक कदम उठाने की गुजारिश की थी.
यूपी में बढ़ी डीज़ल-पेट्रोल की कीमतें, योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
यूपी के वित्त मंत्री समेत 5 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, कल होना है योगी मंत्रिमंडल का विस्तार
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















