किसान सम्मान निधि योजना पर मायावती का वार, कहा- सम्मान के नाम पर मात्र 500 रु प्रतिमाह देना किसानों का खुला अपमान
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय किसान सम्मान निधि को नोटबंदी व जीएसटी की तरह अपरिपक्व तौर पर लागू करके किसानों को मात्र 17 रु प्रतिदिन देना बीजेपी की छोटी सोच का द्योतक है. सत्ता का लगातार दुरुपयोग करने वाली मोदी सरकार अभी भी सही लाइन पर नहीं आ रही है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की शुरुआत करने के साथ ही मोदी सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई. मायावती ने किसान सम्मान निधि योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि किसान सम्मान के नाम पर कुछ किसानों को मात्र 500 रु प्रतिमाह देना किसानों का खुला अपमान है. किसान सबसे बड़ा मेहनतकश समाज है. इनको मात्र थोड़ी सी सरकारी मदद देने की बीजेपी सरकार की सोच अनुचित व अहंकारी है. किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य चाहिये जिसपर बीजेपी ने वादाख़िलाफी की.
किसान सम्मान के नाम पर कुछ किसानों को मात्र 500 रु प्रतिमाह देना किसानों का खुला अपमान है। किसान सबसे बड़ा मेहनतकश समाज है। इनको मात्र थोड़ी सी सरकारी मदद देने की बीजेपी सरकार की सोच अनुचित व अहंकारी है। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य चाहिये जिसपर बीजेपी ने वादाख़िलाफी की।...1/2
— Mayawati (@Mayawati) February 24, 2019
एक दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय किसान सम्मान निधि को नोटबंदी व जीएसटी की तरह अपरिपक्व तौर पर लागू करके किसानों को मात्र 17 रु प्रतिदिन देना बीजेपी की छोटी सोच का द्योतक है. सत्ता का लगातार दुरुपयोग करने वाली मोदी सरकार अभी भी सही लाइन पर नहीं आ रही है.
लोकसभा चुनाव के समय किसान सम्मान निधि को नोटबंदी व जीएसटी की तरह अपरिपक्व तौर पर लागू करके किसानों को मात्र 17 रु प्रतिदिन देना बीजेपी की छोटी सोच का द्योतक। सत्ता का लगातार दुरुपयोग करने वाली मोदी सरकार अभी भी सही लाइन पर नहीं आ रही है।...2/2
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वहीं अखिलेश यादव ने कहा, ''किसान अन्नदाता जो सारे देश का पेट भरता है आज सरकार की नीतियों की वजह से क़र्ज़ और सूद में जकड़ा हुआ है. केंद्र में सरकार बनते ही पहला काम: 100% क़र्ज़ा माफ़ करेंगे. फिर ऐसी नीतियां लाएंगे जिनसे किसान का विकास हो.अब स्वर्णिम_क्रांति का समय है.
किसान अन्नदाता जो सारे देश का पेट भरता है आज सरकार की नीतियों की वजह से क़र्ज़ और सूद में जकड़ा हुआ है। केंद्र में सरकार बनते ही पहला काम: 100% क़र्ज़ा माफ़ करेंगे। फिर ऐसी नीतियाँ लाएँगे जिनसे किसान का विकास हो ।अब #स्वर्णिम_क्रांति का समय है।#GoldenRevolution
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 24, 2019
बता दें कि पीएम मोदी के एक क्लिक के साथ ही 2000 रूपये की पहली किश्त किसानों के खाते में पहुंच गई. पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत हर वर्ष लगभग 75 हज़ार करोड़ रुपए किसानों के खातों में सीधा पहुंचने वाले हैं, देश के वो 12 करोड़ छोटे किसान, जिनके पास 5 एकड़ या उससे कम भूमि है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि अब मेरे किसान भाई, किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 1 लाख 60 हजार रुपए तक का कर्ज, बिना बैंक गारंटी ले पाएंगे.
पीएम ने कहा कि हमने किसानों की छोटी-छोटी दिक्कतों पर ध्यान देने के साथ ही उनकी चुनौतियों के सम्पूर्ण निवारण पर काम किया है. किसान पूरी तरह से सशक्त और सक्षम बने, इस लक्ष्य के साथ हम निकले हैं. पीएम किसान सम्माननिधि के तहत जो पैसे किसानों को दिए जाएंगे, उसकी पाई-पाई केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी.
'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' को लेकर कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने एबीपी न्यूज से कहा कि अगले 10 सालों में किसानों के खाते में साढ़े सात लाख करोड़ रूपये भेजे जाएंगे.
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