BCCI का अंपायर बनने के लिए कौन-सा कोर्स जरूरी, कम से कम कितनी मिलती है सैलरी?
अंपायर बनने के लिए जरूरी नहीं कि आपने क्रिकेट खेला हो, लेकिन खेल के सभी नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके अलावा आपका बोलने का तरीका और मजबूत निर्णय लेने की क्षमता इन सबका होना जरूरी है.

भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा जुनून है. देश में ज्यादातर युवा क्रिकेटर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इस खेल में करियर बनाने के अवसर सिर्फ मैदान पर खेलने तक सीमित नहीं है. क्रिकेट अंपायरिंग भी ऐसा ही एक ऑप्शन है, जिसमें नाम, सम्मान और अच्छी खासी कमाई तीनों मिलते हैं.
अगर आपको क्रिकेट की समझ है और नियमों की जानकारी है तो आप अंपायर बनकर बीसीसीआई और आगे चलकर आईसीसी तक भी पहुंच सकते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बीसीसीआई का अंपायर बनने के लिए कौन सा कोर्स जरूरी होता है और कम से कम इसमें कितनी सैलरी मिलती है.
कौन और कैसे बन सकते हैं अंपायर?
अंपायर बनने के लिए जरूरी नहीं कि अपने क्रिकेट खेला हो, लेकिन खेल के सभी नियमों की पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए. इसके अलावा आपका बोलने का तरीका, अच्छी आईसाइट्स, लंबे समय तक खड़े रहने की फिजिकल क्षमता और मजबूत निर्णय लेने की क्षमता इन सबका होना जरूरी है. अंपायर बनने के लिए सबसे पहला कदम राज्य क्रिकेट संघ की सदस्यता लेना होता है. इसके बाद आपको राज्य स्तर पर आयोजित मैचों में अंपायरिंग शुरू करनी होती है. कुछ सालों का एक्सपीरियंस हासिल करने के बाद ही राज्य संघ आपको बीसीसीआई की अंपायरिंग परीक्षाओं के लिए आगे भेजता है.
BCCI का अंपायर बनने के लिए जरूरी परीक्षा
बीसीसीआई में अंपायर बनने के लिए बीसीसीआई हर साल लेवल 1 अंपायर एग्जाम आयोजित कराता है. इसमें परीक्षा से 3 दिन पहले कैंडिडेट्स को कोचिंग क्लास दी जाती है. इसके बाद मेरिट के आधार पर चयन किया जाता है. वहीं चयनित उम्मीदवारों को इंडक्शन कोर्स कराया जाता है, जहां अंपायरिंग की बारीकियां सिखाई जाती है. इसके बाद प्रैक्टिकल और ओरल टेस्ट लिया जाता है. इसे क्लियर करने के बाद उम्मीदवार लेवल 2 परीक्षा में शामिल होते हैं. लेवल 2 परीक्षा में शामिल होने के लिए लेवल वन परीक्षा पास करना जरूरी होता है और लेवल वन पास करने के 1 साल के अंदर लेवल 2 परीक्षा भी क्लियर करनी होती है. वहीं लेवल 2 परीक्षा पास करने के बाद कैंडिडेट का मेडिकल और फिजिकल टेस्ट होता है, इन सभी स्टेप्स को पार करने के बाद उन्हें बीसीसीआई का सर्टिफाइड अंपायर बनाया दिया जाता है. वहीं जो अंपायर घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उनकी बीसीसीआई की ओर से आईसीसी पैनल के लिए भी सिफारिश की जाती है.
कितनी होती है अंपायर की सैलरी?
अंपायर की कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि वह घरेलू मैच ऑफिशिएट कर रहा है या इंटरनेशनल. वहीं आमतौर पर बीसीसीआई अंपायरों की फीस ग्रेड ए,बी और सी के तौर पर तय होती है. इसमें ग्रेड ए के अंपायर को प्रति में मैच लगभग 40,000 और ग्रेड बी और सी के अंपायर को करीब 30,000 रुपये प्रति मैच मिलते हैं. हालांकि यह सैलरी एक्सपीरियंस और मैच लेवल के आधार पर निर्भर करती है.
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Source: IOCL
























