महाराष्ट्र सरकार का किसानों को राहत देने वाला फैसला, रोजाना 25 रुपये लीटर की दर से ख़रीदेगी 10 हज़ार लीटर दूध
लॉकडाउन के कारण बाजार में डिमांड और सप्लाई की चेन टूट गई है.इसको देखते हुए उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने लिया है यह फैसला.

मुंबई: कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते किसानों के ऊपर भारी मार पड़ी है. दूध के व्यवसाय को तो और ज्यादा प्रभाव पड़ा है. दूध के पेशे से जुड़े लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को राहत देने वाला कदम उठाया है. महाराष्ट्र सरकार किसानों से हर रोज 10 लाख लीटर दूध खरीदने जा रही है. सरकार यह दूध ₹25 प्रति लीटर की दर से खरीदेगी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दूध खरीद और आपूर्ति की चर्चा को लेकर एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया.
कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते बाजार में मांग की कमी के बाद निजी एजेंसी द्वारा दूध की खरीद में काफी गिरावट आई है. इसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं. ऐसे संकट के समय में सरकार से किसानों को राहत मिली है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह भी कहा है कि कीमतों में गिरावट का किसान पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इसके चलते किसानों को हानि हो रही है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 लाख लीटर दूध खरीदने का निर्णय लिया है. बताया जा रहा है कि अब सरकार की कोशिश रहेगी कि इस दूध को पाउडर में बदला जाए. यह योजना दुग्ध महासंघ के माध्यम से प्रभावी करने की तैयारी है. इस दूध का दूध पाउडर बनाकर ऑनलाइन बेचने की कोशिश रहेगी. वहीं ₹25 प्रति लीटर की दर से सरकार यह दूध खरीदेगी.
सरकार का निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि बारामती, सतारा, पुणे, अहमदनगर, उस्मानाबाद सोलापुर और औरंगाबाद के किसानों की तरफ से दूध इकट्ठा किया जा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कारण बाजार में डिमांड और सप्लाई की चेन टूट गई है. सरकार ने सारे जिला दुग्ध संघों को स्पष्ट किया है कि दूध की खरीदारी होनी है. इसके बाद दूध को ऐसे फॉर्म में बदलना है जिसमें लंबे समय तक इसको सुरक्षित रखा जा सके.
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